डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पूरे भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाई जाती है।
- वह एक प्रसिद्ध भारतीय दार्शनिक थे।
- वे समाज में रूपांतरकारी बदलाव लाने के साधन के रूप में शिक्षा के सिद्धांतों में दृढ़ विश्वास रखते थे।
प्रमुख योगदान
- उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में ईस्टर्न रिलिजन एंड एथिक्स के प्रोफेसर के रूप में कार्य किया।
- 1930 के दशक में लीग ऑफ नेशंस में भारत के प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया।
- वे 1949 से 1952 तक सोवियत संघ में भारत के राजदूत रहे।
- वे भारत के उप-राष्ट्रपति (1952-1962) और राष्ट्रपति (1962-1967) भी रहे।
- उन्होंने पूर्वी और पाश्चात्य दर्शन की तुलना की एवं पश्चिमी देशों के लोगों के लिए भारतीय दर्शन की व्याख्या भी की।
- साहित्यिक रचनाएं: द प्रिंसिपल उपनिषद, दी हिंदू व्यू ऑफ लाइफ, इंडियन फिलॉसफी, उपनिषदों का दर्शन, एन आइडियलिस्ट व्यू ऑफ लाइफ, ईस्ट एंड वेस्ट: सम रिफ्लेक्शन।
- मूल्य : बुद्धिमत्ता, प्रतिबद्धता, समर्पण।