गृह मंत्रालय ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की वार्षिक रिपोर्ट, 2024 जारी की | Current Affairs | Vision IAS
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भारत को तटीय मार्गों, डिजिटल प्लेटफार्मों और सीमावर्ती ड्रोनों के माध्यम से बढ़ती सिंथेटिक नशीली दवाओं की तस्करी का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण नशीली दवाओं के नेटवर्क को प्रभावी ढंग से समाप्त करने के लिए उन्नत रणनीतियों और संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है।

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नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के बारे में:

  • यह भारत की राष्ट्रीय नोडल एजेंसी है। इसकी स्थापना 1986 में नारकोटिक्स ड्रग्स और साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) अधिनियम, 1985 के तहत की गई थी।
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। यह गृह मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करती है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य मादक पदार्थों के दुरुपयोग और अवैध तस्करी को रोकना है।

भारत में मादक पदार्थों की तस्करी की स्थिति:

  • भारत की सुभेद्य अवस्थिति: भारत दुनिया के दो प्रमुख मादक पदार्थ तस्करी क्षेत्रों 'डेथ क्रीसेंट' (अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान) तथा 'डेथ ट्रायंगल' (म्यांमार, थाईलैंड, एवं लाओस) के बीच स्थित है।
    • जहां पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान से हेरोइन की तस्करी के लिए संवेदनशील हैं, वहीं पूर्वोत्तर के राज्य म्यांमार से अपनी निकटता के कारण प्रभावित हैं।
  • तटीय मार्ग: मुंबई, गुजरात, केरल, तमिलनाडु जैसे तटीय मार्गों का इस्तेमाल अब सिंथेटिक ड्रग्स और उनके घटकों की तस्करी के लिए अधिक किया जा रहा है।
  • उभरती नई प्रवृत्तियां:
    • अब मेथामफेटामाइन, LSD, मेफेड्रोन जैसी सिंथेटिक ड्रग्स की अधिक तस्करी की जा रही है।
    • महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, पूर्वोत्तर के राज्यों आदि के संवेदनशील क्षेत्रों में गुप्त रूप से प्रयोगशालाएं चलाई जा रही है।
    • धन के लेन-देन हेतु क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग तथा डार्कनेट बाजारों के उद्भव ने मादक पदार्थ तस्करों को अनामता और वैश्विक पहुंच प्रदान की है।
    • चाबहार, ग्वादर, कराची आदि बंदरगाहों के माध्यम से समुद्र के जरिये मादक पदार्थों की तस्करी की जा रही है।
    • भारत-पाकिस्तान सीमा के माध्यम से मादक पदार्थों की तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए भारत द्वारा की गई पहलें: 

  • NDPS एक्ट, 1988 में अवैध तस्करी की रोकथाम, 
  • नेशनल नारकोटिक्स कोऑर्डिनेशन पोर्टल (NCORD), 
  • गिरफ्तार किए गए नार्को अपराधियों पर राष्ट्रीय एकीकृत डेटाबेस (NIDAAN/ निदान), 
  • राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन- MANAS/ मानस, 
  • नशा मुक्त भारत अभियान आदि।

मादक पदार्थों की तस्करी के नेटवर्क को खत्म करने के लिए सुझाए गए कदम:

  • प्रत्येक राज्य को एक उच्च-स्तरीय रणनीति विकसित करनी चाहिए, जो निम्नलिखित तीन तरीकों के कार्टेल्स को निशाना बनाए: 
    • वे कार्टेल्स जो प्रवेश बिंदुओं पर काम करते है,
    • वे जो राज्यों में वितरण कर रहे हैं, और 
    • वे जो छोटे इलाकों में मादक पदार्थ बेच रहे हैं।
  • मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल विदेशी अपराधियों और भगोड़ों को वापस लाने के लिए NCB, CBI, और राज्य पुलिस को शामिल करते हुए एक संयुक्त तंत्र की स्थापना की जानी चाहिए।
  • प्रत्येक राज्य को एक विशेष दस्ते का गठन करना चाहिए जो- 
    • वित्तीय लेन-देन का पता लगाए, 
    • हवाला लिंक को ट्रैक करे, 
    • क्रिप्टो लेन-देन की निगरानी करे और 
    • उभरती हुई तकनीकों के माध्यम से साइबर जांच करे।
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