WHO की आवश्यक औषधियों की मॉडल सूची प्रत्येक दो वर्षों में ‘आवश्यक औषधियों के चयन और उपयोग पर विशेषज्ञ समिति’ द्वारा अपडेट की जाती है।
आवश्यक औषधियों की मॉडल सूची में शामिल नई दवाइयां:
- ग्लूकागन-लाइक पेप्टाइड-1 (GLP-1) रिसेप्टर एगोनिस्ट्स: टाइप-2 डायबिटीज, हृदय रोग, क्रॉनिक किडनी डिजीज और मोटापे के लिए।
- रैपिड-एक्टिंग इंसुलिन एनालॉग्स: टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के लिए।
WHO के कदम का महत्त्व:
- सूची में शामिल होने के बाद उपर्युक्त महंगी दवाइयां सस्ती हो जाएंगी,
- इलाज के लिए अपनी जेब से कम खर्च करने पड़ेंगे, और
- अधिक लोगों को ये दवाइयां उपलब्ध हो पाएंगी।
डायबिटीज और मोटापे (Obesity) के बारे में
- डायबिटीज का कारण: डायबिटीज तब होती है, जब अग्न्याशय (Pancreas) पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता, या शरीर बनी हुई इंसुलिन का प्रभावी तरीके से उपयोग नहीं कर पाता।
- विश्व में पीड़ित लोग: 2022 में 800 मिलियन से अधिक लोग डायबिटीज से पीड़ित थे। 2050 तक यह संख्या बढ़कर 1.3 बिलियन से अधिक हो जाने अनुमान का है।
- भारत में पीड़ित लोग: 18 वर्ष से अधिक उम्र के 7.7 करोड़ लोग टाइप-2 डायबिटीज़ से पीड़ित हैं और लगभग 2.5 करोड़ लोग प्री-डायबिटिक हैं।
- मोटापे का कारण: शरीर में अत्यधिक चर्बी जमा होना, जिससे टाइप-2 डायबिटीज, हृदय रोग आदि का खतरा बढ़ जाता है।
- विश्व में मोटापे से पीड़ित लोग: इनकी संख्या 1990 से अब तक दोगुनी हो गई है; वर्तमान में 1 बिलियन से अधिक लोग मोटापे से पीड़ित हैं।
- भारत में मोटापे से पीड़ित लोग: राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS)-5 (2019-21) के अनुसार 24% भारतीय महिलाएं और 23% भारतीय पुरुष मोटापे से ग्रस्त हैं।
भारत की पहलें:
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