यह रिपोर्ट संयुक्त रूप से UN वीमेन और UN-DESA (संयुक्त राष्ट्र-आर्थिक और सामाजिक कार्य विभाग) ने जारी की है। इसमें सभी 17 सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के मामले में वैश्विक स्तर पर लैंगिक समानता की स्थिति का विस्तृत परिदृश्य प्रस्तुत किया गया है।
जेंडर स्नैपशॉट, 2025 के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- गरीबी और खाद्य सुरक्षा: 37.6 करोड़ महिलाएं यानी विश्व की 9.2% महिलाएं चरम गरीबी में जीवन जी रही हैं। एनीमिया के प्रसार में 2030 तक 33% तक की वृद्धि का अनुमान है।
- स्वास्थ्य: मातृ मृत्यु दर में 2000–23 के बीच 39% की कमी आई है। हालांकि, महिलाएं पुरुषों की तुलना में औसतन 3 वर्ष अधिक खराब सेहत के साथ जीवन बिताती हैं।
- शिक्षा: नामांकन के मामले में लड़कियां लड़कों से आगे रहीं हैं। हालांकि, अफ्रीका और एशिया में माध्यमिक शिक्षा पूरी करने में वे पिछड़ जाती हैं। बहुत कम महिलाएं स्कूल में प्रधानाध्याक के पद पर पहुंच पाती हैं।
- नेतृत्व और कार्य: संसद में महिलाओं की भागीदारी 27% है और 30% प्रबंधन पदों पर महिलाएं कार्यरत हैं।
- लैंगिक हिंसा: 12.5% महिलाएं अपने नजदीकी साथी द्वारा हिंसा की शिकार होती हैं और 19% लड़कियों की शादी 18 वर्ष की आयु से पहले हो जाती है।
- डिजिटल डिवाइड: 65% महिलाएं इंटरनेट से जुड़ी हुई हैं, जबकि पुरुषों में यह औसत 70% है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऑटोमेशन की वजह से महिलाओं की नौकरियां अधिक खतरे में हैं।
- जलवायु और संसाधन: जलवायु परिवर्तन की वजह से 15.8 करोड़ और अधिक महिलाएं गरीबी रेखा के नीचे जा सकती हैं। 89.6 करोड़ महिलाओं के पास खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन उपलब्ध नहीं है।
- शांति और सुरक्षा: 2024 में 67.6 करोड़ महिलाएं प्राण-घातक संघर्ष वाले क्षेत्रों में रह रहीं थीं।
- इंटरसेक्शनैलिटी: दिव्यांग महिलाओं को प्रजनन अधिकार, इंटरनेट से जुड़ने और राजनीतिक भागीदारी में गंभीर बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
बीजिंग+30 एक्शन एजेंडा के तहत प्राथमिक कार्य-योजना
- डिजिटल क्रांति: पुरुषों और महिलाओं के बीच डिजिटल डिवाइड को समाप्त करना चाहिए।
- गरीबी से मुक्ति: सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य-देखभाल, शिक्षा और केयर-इकोनॉमी में निवेश बढ़ाना चाहिए।
- हिंसा से मुक्ति: मजबूत कानून बनाकर और सेवाओं के माध्यम से महिलाओं के खिलाफ हिंसा का उन्मूलन करना चाहिए।
- निर्णय लेने में महिलाओं को समान अधिकार: राजनीति और शासन में महिला-नेतृत्व को बढ़ावा देना चाहिए।
- शांति और सुरक्षा: ‘महिला, शांति और सुरक्षा एजेंडा’ को पूर्ण वित्त-पोषण प्रदान करना चाहिए, तथा इसमें महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।
- जलवायु न्याय: जलवायु कार्य-योजना और संसाधन पर अधिकारों के मामले में महिलाओं के पक्ष को शामिल करना चाहिए।