वैज्ञानिकों ने साधारण त्वचा कोशिकाओं के DNA का उपयोग करके निषेचन योग्य अंडाणु के समान कोशिकाएं विकसित की हैं। इससे इनफर्टिलिटी से जुड़े अनुसंधान के लिए एक बड़ी सफलता मिली है।
- यह खोज इन विट्रो गैमीटोजेनेसिस (IVG) नामक तकनीक के माध्यम से इनफर्टिलिटी के उपचार के लिए एक संभावित मार्ग प्रदान करती है।

- IVG वास्तव में प्रयोगशाला में युग्मक यानी गैमीट (फंक्शनल अंडाणु या शुक्राणु) उत्पन्न करने की प्रक्रिया है। इसमें रोगी की स्वयं की आनुवंशिक सामग्री का उपयोग किया जाता है।
- इन आनुवंशिक सामग्रियों में आइसोलेटेड जर्म कोशिकाएं या इंड्यूस्ड प्लुरिपोटेंट स्टेम सेल्स (iPSC) शामिल हैं।
नए अनुसंधान के बारे में
- अंडाणु बनाने के लिए, शोधकर्ताओं ने मानव त्वचा कोशिका के न्यूक्लियस को डोनर के अंडाणु में प्रत्यारोपित किया, जिसके न्यूक्लियस को पहले हटा दिया गया था।
- इस तकनीक को सोमैटिक सेल न्यूक्लियर ट्रांसफर (SCNT) के नाम से जाना जाता है। यह इन विट्रो गैमीटोजेनेसिस (IVG) का ही एक प्रकार है।
- हालांकि, IVG से जुड़ी मुख्य चुनौती यह थी कि शोधकर्ताओं को सुनिश्चित करना था कि रिप्रोग्राम्ड किए गए निषेचित अंडाणु में गुणसूत्रों की सही संख्या हो।
- प्रत्येक युग्मक (शुक्राणु और अंडाणु) में 23 गुणसूत्र होते हैं, जो त्वचा कोशिकाओं जैसी सामान्य मानव कोशिकाओं में पाए जाने वाले 46 गुणसूत्रों का आधा है।
- उत्पन्न किये गए अंडाणु में से अतिरिक्त 23 गुणसूत्रों को हटाने के लिए शोधकर्ताओं ने एक तकनीक विकसित की, जिसे "माइटोमायोसिस" कहा जाता है। यह तकनीक प्राकृतिक कोशिका विभाजन की नकल करती है और इस तरह से 23 गुणसूत्रों के एक सेट को हटा देती है।