भोजन के अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदक (UN Special Rapporteur) ने सचेत किया है कि DSI पादप आनुवंशिक संसाधनों पर संधि (ITPGRFA) के अनिवार्य अधिदेश (mandate) को मौलिक रूप से कमजोर कर सकती है।
खाद्य एवं कृषि के लिए पादप आनुवंशिक संसाधनों पर अंतर्राष्ट्रीय संधि (ITPGRFA) के बारे में
- परिचय: ITPGRFA को 2001 में अपनाया गया था और यह 2004 से लागू हुई थी। यह खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के तहत एक कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता है।
- उद्देश्य: इसका उद्देश्य खाद्य और कृषि के लिए सभी पादप आनुवंशिक संसाधनों का संरक्षण और संधारणीय उपयोग सुनिश्चित करना है। साथ ही, उनके उपयोग से उत्पन्न होने वाले लाभों का उचित व न्यायसंगत बंटवारा भी सुनिश्चित करना इसका उद्देश्य है।
- भारत: भारत इस संधि का एक अनुबंधित पक्षकार है।
- बैठक: संधि का शासी निकाय प्रत्येक दो वर्षों में बैठक करता है।
डिजिटल अनुक्रम जानकारी (Digital Sequence Information: DSI) के बारे में
- आनुवंशिक संसाधनों पर DSI, 1992 के जैव विविधता अभिसमय (CBD) के तहत चर्चाओं में एक अनौपचारिक पद रहा है।
- CBD के तहत इसकी सटीक परिभाषा पर कोई आम सहमति नहीं है।
- सामान्य तौर पर DSI का तात्पर्य DNA, RNA, प्रोटीन या अन्य जैविक अनुक्रमों से प्राप्त आनुवंशिक डेटा के डिजिटल भंडारण से है।
- DSI वैज्ञानिक अनुसंधान का एक उपकरण है। इसे सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रकों द्वारा उपयोग किया जाता है। यह सतत विकास का समर्थन करता है।
- DSI के लिए कैली फंड: CBD के COP-16 में एक वैश्विक लाभ-साझाकरण तंत्र बनाया गया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि DSI के उपयोग से होने वाले लाभ को निष्पक्ष रूप से साझा किया जाए। इससे जैव विविधता संरक्षण, क्षमता निर्माण और देशज समुदायों को सहायता मिल सकेगी।
DSI का महत्त्व
DSI अभिशासन में चुनौतियां
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