कानूनी रूप से बाध्यकारी पहला GEI लक्ष्य नियम, 2025 चार उच्च-उत्सर्जन क्षेत्रकों, अर्थात एल्युमीनियम, सीमेंट, लुगदी व कागज और क्लोर-क्षार (chlor-alkali) को लक्षित करता है।
- GEI, उत्पाद की प्रति इकाई पर उत्पन्न होने वाली GHGs की मात्रा है। उदाहरण के लिए- सीमेंट या एल्युमिनियम जैसे उत्पाद के प्रति टन के उत्पादन में मुक्त गैसें।
कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग स्कीम (CCTS), 2023 के बारे में
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नियम क्या हैं?
- किसके तहत जारी किए गए: कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग स्कीम (CCTS), 2023 के अनुपालन तंत्र के तहत।
- अनुपालन लागू करने वाला निकाय: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB)।
- उद्देश्य: कार्बन-गहन क्षेत्रों में उत्पादन (उत्पाद के प्रति टन tCO2e) के प्रति इकाई ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना और कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग को सुगम बनाना।
तंत्र:
- अनुपालन करने वाली ऐसी संस्था, जो लक्ष्य से नीचे उत्सर्जन करती है, व्यापार योग्य कार्बन क्रेडिट प्रमाण-पत्र अर्जित कर सकती है।
- BEE कार्बन क्रेडिट प्रमाण-पत्र जारी करेगा।
- गैर-अनुपालन संस्थाओं (Non-compliant entities) को अतिरिक्त प्रमाण-पत्र खरीदने होंगे या पर्यावरण मुआवजा देना होगा, जो उस अनुपालन वर्ष के लिए औसत कार्बन क्रेडिट मूल्य का दोगुना होगा।
महत्त्व
- बाजार-आधारित अनुपालन: अर्जित क्रेडिट्स का घरेलू कार्बन बाजार में व्यापार किया जा सकता है।
- ये नियम CCTS, 2023 के तहत देश के घरेलू कार्बन बाजार को परिचालन में लाने में मदद करेंगे।
- पारदर्शिता: भारतीय कार्बन बाजार पोर्टल के तहत पंजीकरण और दस्तावेजीकरण।
- संधारणीयता के लिए राजस्व: पर्यावरण मुआवजा निधियां कार्बन बाजार बुनियादी ढांचे का समर्थन करती हैं।
- भारत के जलवायु लक्ष्यों का समर्थन: पेरिस समझौते के तहत प्रतिबद्धताओं का समर्थन करते हैं।