इसमें उत्सर्जन और भीड़भाड़ को कम करने के लिए 9-सूत्रीय कार्य योजना शामिल होगी। इस योजना में निम्नलिखित उपाय शामिल होंगे-
- निर्माण, खनन एवं प्रदूषणकारी वाहनों पर प्रतिबंध;
- हाइब्रिड स्कूलिंग (यानी कभी घर से तो कभी स्कूल जाकर पढ़ाई करना) और कार्यालयों के समय को चरणबद्ध तरीके से लागू करना आदि।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) एक वैधानिक निकाय है। इसे दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता के प्रबंधन के लिए स्थापित किया गया है। इसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021 के तहत स्थापित किया गया है।
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के बारे में
- यह दिल्ली-NCR के वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के औसत स्तर पर आधारित एक आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली है। इसका उद्देश्य दिल्ली-NCR में खराब होती वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वय स्थापित करना है।
- इसे AQI स्तरों के आधार पर निम्नलिखित चार चरणों में विभाजित किया गया है-
- चरण 1 (स्टेज 1): खराब श्रेणी (AQI 201 से 300);
- चरण 2 (स्टेज 2): बहुत खराब श्रेणी (AQI 301 से 400);
- चरण 3 (स्टेज 3): गंभीर श्रेणी (AQI 401 से 450); तथा
- चरण 4 (स्टेज 4): अति गंभीर श्रेणी (AQI 451 से अधिक)।
दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कारक
- स्थलाकृतिक कारक (Topographical Factors): इसमें सिंधु-गंगा मैदान के बेसिन का प्रभाव; प्राकृतिक बाधाएं (हिमालय और अरावली) आदि शामिल हैं।
- मौसम संबंधी कारक (Meteorological Factors): इसमें तापमान व्युत्क्रम (Temperature Inversion); पवनों की कम गति आदि शामिल हैं।
- प्रदूषण: इसमें पराली जलाना; वाहनों और औद्योगिक उत्सर्जन से होने वाला प्रदूषण आदि शामिल है।
केस स्टडी: बीजिंग ने अपना वायु प्रदूषण कैसे कम किया?
|