गंभीर वायु प्रदूषण के कारण CAQM ने NCR में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का चरण-III लागू किया | Current Affairs | Vision IAS
मेनू
होम

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए प्रासंगिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास पर समय-समय पर तैयार किए गए लेख और अपडेट।

त्वरित लिंक

High-quality MCQs and Mains Answer Writing to sharpen skills and reinforce learning every day.

महत्वपूर्ण यूपीएससी विषयों पर डीप डाइव, मास्टर क्लासेस आदि जैसी पहलों के तहत व्याख्यात्मक और विषयगत अवधारणा-निर्माण वीडियो देखें।

करंट अफेयर्स कार्यक्रम

यूपीएससी की तैयारी के लिए हमारे सभी प्रमुख, आधार और उन्नत पाठ्यक्रमों का एक व्यापक अवलोकन।

ESC

In Summary

सीएक्यूएम ने जीआरएपी के चरण-III को लागू किया है, जिसमें एनसीआर में गंभीर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए निर्माण, खनन और प्रदूषणकारी वाहनों पर प्रतिबंध सहित 9 सूत्री कार्य योजना को लागू किया गया है।

In Summary

इसमें उत्सर्जन और भीड़भाड़ को कम करने के लिए 9-सूत्रीय कार्य योजना शामिल होगी। इस योजना में निम्नलिखित उपाय शामिल होंगे-  

  • निर्माण, खनन एवं प्रदूषणकारी वाहनों पर प्रतिबंध; 
  • हाइब्रिड स्कूलिंग (यानी कभी घर से तो कभी स्कूल जाकर पढ़ाई करना) और कार्यालयों के समय को चरणबद्ध तरीके से लागू करना आदि। 

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) एक वैधानिक निकाय है। इसे दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता के प्रबंधन के लिए स्थापित किया गया है। इसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021 के तहत स्थापित किया गया है।

ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के बारे में

  • यह दिल्ली-NCR के वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के औसत स्तर पर आधारित एक आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली है। इसका उद्देश्य दिल्ली-NCR में खराब होती वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वय स्थापित करना है।
  • इसे AQI स्तरों के आधार पर निम्नलिखित चार चरणों में विभाजित किया गया है-
    • चरण 1 (स्टेज 1): खराब श्रेणी (AQI 201 से 300);
    • चरण 2 (स्टेज 2): बहुत खराब श्रेणी (AQI 301 से 400);
    • चरण 3 (स्टेज 3): गंभीर श्रेणी (AQI 401 से 450); तथा 
    • चरण 4 (स्टेज 4): अति गंभीर श्रेणी (AQI 451 से अधिक)।

दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कारक

  • स्थलाकृतिक कारक (Topographical Factors): इसमें सिंधु-गंगा मैदान के बेसिन का प्रभाव; प्राकृतिक बाधाएं (हिमालय और अरावली) आदि शामिल हैं।
  • मौसम संबंधी कारक (Meteorological Factors): इसमें तापमान व्युत्क्रम (Temperature Inversion); पवनों की कम गति आदि शामिल हैं।
  • प्रदूषण: इसमें पराली जलाना; वाहनों और औद्योगिक उत्सर्जन से होने वाला प्रदूषण आदि शामिल है।

केस स्टडी: बीजिंग ने अपना वायु प्रदूषण कैसे कम किया?

  • वायु गुणवत्ता में सुधार: बीजिंग का औसत AQI 2015 में 144 था, जो 2024 में घटकर 92 हो गया।
  • चरणबद्ध व दीर्घकालिक रणनीति: स्थानीय शासन, जनभागीदारी और स्थिर विनियमन के संयोजन से एक तीन-चरणीय प्रदूषण-रोधी योजना (1998–2017) लागू की गई थी।
  • लक्षित स्रोत नियंत्रण: स्वच्छ ऊर्जा, वाहन उन्नयन और सख्त औद्योगिक नियमों के माध्यम से कोयला ताप विद्युत संयंत्रों, परिवहन और उद्योग/निर्माण से उत्सर्जन में कटौती का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
  • क्षेत्रीय सहयोग और निवेश: बीजिंग के आसपास के 5 प्रांतों के साथ समन्वित क्षेत्रीय सहयोग स्थापित किया गया था और महत्वपूर्ण सार्वजनिक निवेश जुटाया गया था। इन कदमों से प्रदूषकों में तेजी से कमी आई थी।
Watch Video News Today
Title is required. Maximum 500 characters.

Search Notes

Filter Notes

Loading your notes...
Searching your notes...
Loading more notes...
You've reached the end of your notes

No notes yet

Create your first note to get started.

No notes found

Try adjusting your search criteria or clear the search.

Saving...
Saved

Please select a subject.

Referenced Articles

linked

No references added yet

Subscribe for Premium Features