इस आकलन में बाघों की संख्या को 'क्रिटिकली डिपलेटेड' श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। यह बाघों के समक्ष मौजूद गंभीर ऐतिहासिक और वर्तमान खतरों को दर्शाता है।
- इन खतरों में पर्यावास क्षति, शिकार में कमी, अवैध शिकार और क्षेत्रीय स्तर पर विलुप्ति शामिल हैं।
इस आकलन के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- बाघों की संख्या: यह घट रही है {वर्तमान अनुमान (वयस्क बाघ) - 2608-3905}।
- जिन 24 क्षेत्रों का आकलन किया गया है, उनमें से 9 क्षेत्रों में बाघ अब विलुप्त हो चुके हैं। साथ ही, जहां बाघ अभी भी मौजूद हैं, वहां भी संकटग्रस्त (Threatened) स्थिति में हैं।
- अभी तक किए गए संरक्षण प्रयासों के प्रभाव और पुनर्प्राप्ति क्षमता की स्थिति: यह क्रमशः उच्च एवं मध्यम है।
IUCN ग्रीन स्टेटस ऑफ स्पीशीज के बारे में
- इसे 2012 में शुरू किया गया था। यह IUCN रेड लिस्ट में दर्ज संकटग्रस्त प्रजातियों (Threatened Species) की सूची पर आधारित है।
- इसे 2020 में IUCN की रेड लिस्ट आकलन का एक वैकल्पिक हिस्सा बना लिया गया था।
- यह प्रजातियों की आबादी की पुनर्प्राप्ति; उनके विलुप्त होने के जोखिम और साथ ही साथ संरक्षण प्रयासों के प्रभाव का आकलन करने के लिए एक साधन प्रदान करता है।
- श्रेणियां: इसमें लार्जली डेप्लेटेड, मॉडरेटली डेप्लेटेड, स्लाइटली डेप्लेटेड, फुली रिकवर्ड आदि शामिल हैं।
ग्रीन स्टेटस कैसे किसी प्रजाति की पुनर्प्राप्ति को निर्धारित करता है?
- कोई प्रजाति फुली रिकवर्ड (पूर्ण रूप से पुनर्प्राप्त) हो जाती है यदि:
- वह अपने ऐतिहासिक पर्यावास के सभी भागों में मौजूद है (मानव प्रभाव के कारण नष्ट हुए क्षेत्रों सहित);
- वह अपने पूरे पर्यावास में व्यवहार्य आबादी में मौजूद है (विलुप्त होने का खतरा नहीं है);
- वह अपने पर्यावास के सभी भागों में पारिस्थितिकी कार्य को संपन्न करती है आदि।
- इन सभी कारकों के आधार पर "ग्रीन स्कोर" (0-100%) प्रदान किया जाता है, जो यह दर्शाता है कि कोई प्रजाति फुली रिकवर्ड या पूर्ण रूप से पुनर्प्राप्त होने के कितने निकट है।
![]() बाघ (Panthera tigris) के बारे में
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