“भारतीय वनस्पतियों और जीव-जंतुओं के राष्ट्रीय रेड लिस्ट आकलन के लिए विज़न 2025–2030” एक व्यापक जैव विविधता निगरानी तथा संरक्षण परियोजना का खाका प्रस्तुत करता है। इसे पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा है।
विज़न 2025–30 के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- विज़न: राष्ट्रीय स्तर पर एक समन्वित और सहभागितापूर्ण रेड लिस्ट प्रणाली स्थापित की जाएगी। यह प्रणाली भारत के विविध पारिस्थितिकी-तंत्रों में पाई जाने वाली वनस्पतियों और जीव-जंतुओं की वास्तविक संरक्षण स्थिति को दर्शाएगी।
- दायरा: यह परियोजना एक पांच-वर्षीय पहल है। इसका लक्ष्य लगभग 11,000 प्रजातियों (7000 वनस्पति प्रजातियों और 4000 जीव-जंतु प्रजातियों) की विलुप्ति के जोखिम का आकलन करना है।
- संदर्भ और आवश्यकता: भारत विश्व के 17 मेगाडायवर्स देशों में से एक है, जहां विश्व की लगभग 8% वनस्पतियां और 7.5% जीव-जंतु पाए जाते हैं। देश में चार जैव विविधता हॉटस्पॉट्स भी हैं। ये हैं- हिमालय, पश्चिमी घाट, इंडो-बर्मा और सुंडालैंड।
- हालांकि, अब तक भारत की केवल 6.33% पादप प्रजातियां और 7.2% जीव-जंतु प्रजातियां ही वैश्विक IUCN रेड लिस्ट में आंकलित की गई हैं।
- प्रमुख एजेंसियां: इस पहल का नेतृत्व वनस्पतियों के लिए बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया (BSI) और जीव-जंतुओं के लिए जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ZSI) कर रहे हैं।
- कार्यप्रणाली: यह परियोजना IUCN प्रजाति संरक्षण चक्र का अनुसरण करेगी जैसे: आकलन, योजना निर्माण, कार्य, नेटवर्क, और संवाद।
- अंतर्राष्ट्रीय समन्वय: यह परियोजना जैव विविधता अभिसमय (CBD) और कुनमिंग-मॉन्ट्रियल ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क (KMGBF) जैसे अंतर्राष्ट्रीय फ्रेमवर्क्स के अनुरूप है। इसके अलावा, रेड लिस्ट आकलनों का उपयोग संरक्षण लक्ष्यों की प्रगति को मापने के लिए किया जाएगा।