कांग्रेस में, WMO ने "अर्ली वार्निंग्स फॉर ऑल इन फोकस: हैज़र्ड मॉनिटरिंग एंड फोरकास्टिंग" नामक एक रिपोर्ट भी जारी की। यह रिपोर्ट पता लगाने, निगरानी, और पूर्वानुमान क्षमताओं में हुई प्रगति को ट्रैक करती है।
- रिपोर्ट में बुनियादी पूर्वानुमान क्षमता में कमियों, ग्लोबल बेसिक ऑब्जर्वेशन नेटवर्क (GBON) के साथ कम अनुपालन, और उपग्रह डेटा के सीमित उपयोग का उल्लेख किया गया है।
अर्ली वार्निंग्स फॉर ऑल (EW4All) पहल के बारे में
- उद्देश्य: इसका लक्ष्य 2027 के अंत तक जीवन रक्षक व बहु-आपदा EWS की मदद से सभी देशों की खतरनाक मौसमी घटनाओं, जलीय विपदाओं अथवा जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न आपदाओं से रक्षा करना है।
- शुभारंभ: 2022 में UNFCCC के COP-27 में संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा।
- संगठन: इसका संयुक्त रूप से नेतृत्व WMO, UNDRR, ITU और IFRC करते हैं।
- कवरेज: शुरू में 30 उच्च जोखिम वाले देशों पर केंद्रित था। अब इसका विस्तार 100 से अधिक प्रतिभागी राष्ट्रों तक हो गया है।
EWS के बारे में
- यह दरअसल संकट की निगरानी, पूर्वानुमान, आपदा जोखिम मूल्यांकन, संचार, तैयारी और प्रक्रियाओं की एक एकीकृत प्रणाली है। यह व्यक्तियों व सरकारों को आपदा के कारण उत्पन्न होने वाले जोखिमों को कम करने और लोगों के जीवन, आजीविका व संपत्ति को बचाने के लिए शीघ्र एवं समय पर कार्रवाई करने में सक्षम बनाती है।
- EWS की आवश्यकता:
- यदि 24 घंटों के भीतर प्रारंभिक चेतावनी जारी की जाती है, तो आपदा से होने वाले नुकसान को 30% तक कम किया जा सकता है।
- जिन देशों में बहु-विपदा प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों का अभाव होता है, उन देशों में आपदा के कारण होने वाली मृत्यु दर छह गुना अधिक होती है और प्रभावित लोगों की संख्या चार गुना अधिक होती है।
- चरम मौसमी घटनाओं से होने वाली आर्थिक क्षति लगातार बढ़ रही है। 1970 के बाद से वैश्विक स्तर पर 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है।