यह पुस्तिका 'AI फॉर इंडिया 2030' पहल के तहत जारी किए गए दो अन्य प्रकाशनों के साथ जारी की गई है। यह पहल विश्व आर्थिक मंच (WEF) के सेंटर फॉर द फोर्थ इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन (C4IR) इंडिया के नेतृत्व में संचालित की जा रही है।
- AI फॉर इंडिया 2030 पहल OPSA और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के मार्गदर्शन में शुरू की गई है। इस पहल का उद्देश्य ज़िम्मेदार, समावेशी और पैमाना-संचालित AI को भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के केंद्र में स्थापित करने वाला फ्रेमवर्क विकसित करना है।
पुस्तिका के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
कृषि में AI के संभावित उपयोग:
- बुद्धिमत्तापूर्ण फसल नियोजन: यह इष्टतम फसलों की सिफारिश करने के लिए मृदा स्वास्थ्य, मौसम के पैटर्न, पिछली कीमतों और खाद्य आयात/निर्यात रुझानों जैसे डेटा की एक विस्तृत श्रृंखला का उपयोग करता है।
- स्मार्ट फार्मिंग: इसमें सैटेलाइट द्वारा फसल निगरानी, निर्णय समर्थन प्रणाली, त्वरित मृदा स्वास्थ्य विश्लेषण, कीट पूर्वानुमान, स्थानीय मौसम संबंधी सलाह, उपज भविष्यवाणी, स्वचालित फार्म मशीनरी आदि शामिल हैं।
- फार्म-टू-फोर्क समाधान: इसमें गुणवत्ता और ट्रेसेब्लिटी सुनिश्चित करना, आपूर्ति श्रृंखला का अनुकूलन करना, फिनटेक को अपनाना, बाजार लिंकेज मांग और मूल्य पूर्वानुमान आदि शामिल हैं।
कृषि में AI इकोसिस्टम विकसित करने के लिए फ्रेमवर्क:
यह पुस्तिका इन्क्लूसिव मल्टी-स्टेकहोल्डर पाथवे फॉर दी एक्सेलरेटेड कन्वर्जेंस ऑफ AI टेक्नोलॉजीज (IMPACT AI) फ्रेमवर्क प्रस्तुत करती है। इसके निम्नलिखित तीन स्तंभ हैं:
- सक्षम बनाना: AI रणनीति तैयार करना, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) को AI के लिए सक्षम बनाना, AI प्रशिक्षण और कौशल विकास।
- निर्माण करना: अभिनव AI उत्पादों का विकास करना, AI सैंडबॉक्स स्थापित करना आदि।
- वितरित करना: फ्रंटलाइन एक्सटेंशन सिस्टम्स को सशक्त बनाना, AI मार्केटप्लेस, जागरूकता पैदा करना आदि।
कृषि में AI अपनाने की चुनौतियां
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