प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (OPSA) के कार्यालय ने ‘भारत में भविष्य की खेती: कृषि के लिए AI प्लेबुक’ नामक पुस्तिका जारी की | Current Affairs | Vision IAS
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प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (OPSA) के कार्यालय ने ‘भारत में भविष्य की खेती: कृषि के लिए AI प्लेबुक’ नामक पुस्तिका जारी की

Posted 23 Oct 2025

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ओपीएसए की 'भारत में भविष्य की खेती: एआई प्लेबुक' रूपरेखाओं, प्रमुख उपयोग मामलों और सीमित तकनीकी प्रदर्शन, विखंडन और निवेश बाधाओं जैसी चुनौतियों का समाधान करके कृषि में एआई को अपनाने को बढ़ावा देती है।

यह पुस्तिका 'AI फॉर इंडिया 2030' पहल के तहत जारी किए गए दो अन्य प्रकाशनों के साथ जारी की गई है। यह पहल विश्व आर्थिक मंच (WEF) के सेंटर फॉर द फोर्थ इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन (C4IR) इंडिया के नेतृत्व में संचालित की जा रही है। 

  • AI फॉर इंडिया 2030 पहल OPSA और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के मार्गदर्शन में शुरू की गई है। इस पहल का उद्देश्य ज़िम्मेदार, समावेशी और पैमाना-संचालित AI को भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के केंद्र में स्थापित करने वाला फ्रेमवर्क विकसित करना है।

पुस्तिका के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

कृषि में AI के संभावित उपयोग:

  • बुद्धिमत्तापूर्ण फसल नियोजन: यह इष्टतम फसलों की सिफारिश करने के लिए मृदा स्वास्थ्य, मौसम के पैटर्न, पिछली कीमतों और खाद्य आयात/निर्यात रुझानों जैसे डेटा की एक विस्तृत श्रृंखला का उपयोग करता है।
  • स्मार्ट फार्मिंग: इसमें सैटेलाइट द्वारा फसल निगरानी, निर्णय समर्थन प्रणाली, त्वरित मृदा स्वास्थ्य विश्लेषण, कीट पूर्वानुमान, स्थानीय मौसम संबंधी सलाह, उपज भविष्यवाणी, स्वचालित फार्म मशीनरी आदि शामिल हैं।
  • फार्म-टू-फोर्क समाधान: इसमें गुणवत्ता और ट्रेसेब्लिटी सुनिश्चित करना, आपूर्ति श्रृंखला का अनुकूलन करना, फिनटेक को अपनाना, बाजार लिंकेज मांग और मूल्य पूर्वानुमान आदि शामिल हैं।

कृषि में AI इकोसिस्टम विकसित करने के लिए फ्रेमवर्क:

यह पुस्तिका इन्क्लूसिव मल्टी-स्टेकहोल्डर पाथवे फॉर दी एक्सेलरेटेड कन्वर्जेंस ऑफ AI टेक्नोलॉजीज (IMPACT AI) फ्रेमवर्क प्रस्तुत करती है। इसके निम्नलिखित तीन स्तंभ हैं:

  1. सक्षम बनाना: AI रणनीति तैयार करना, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) को AI के लिए सक्षम बनाना, AI प्रशिक्षण और कौशल विकास।
  2. निर्माण करना: अभिनव AI उत्पादों का विकास करना, AI सैंडबॉक्स स्थापित करना आदि।
  3. वितरित करना: फ्रंटलाइन एक्सटेंशन सिस्टम्स को सशक्त बनाना, AI मार्केटप्लेस, जागरूकता पैदा करना आदि।

कृषि में AI अपनाने की चुनौतियां

  • प्रौद्योगिकी की सीमित समझ: भारत में 20% से भी कम किसान डिजिटल तकनीकों का उपयोग करते हैं।
  • वित्तीय क्षमता की कमी: किसानों की कम आय के कारण वे AI आधारित समाधान अपनाने या उसके लिए भुगतान करने में सक्षम या इच्छुक नहीं होते।
  • लघु जोत: भारत के लगभग 85% किसान लघु किसान हैं, और औसतन एक किसान के पास केवल 1.08 हेक्टेयर भूमि है।
  • निवेश की कमी: AI समाधान विकसित करने और उपयोग करने के लिए पर्याप्त अवसंरचना एवं संसाधनों में निवेश की आवश्यकता होती है।
  • जोखिम की धारणा: तकनीक को लागू करने से पहले उसकी विश्वसनीयता जांचने के लिए संस्थागत तंत्र बहुत सीमित हैं।
  • Tags :
  • Artificial Intelligence
  • Deepfakes
  • ‘Future Farming in India: AI Playbook for Agriculture’
  • Office of the Principal Scientific Adviser (OPSA)
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