हाल ही में 23 अक्टूबर को रानी चेन्नम्मा की जयंती मनाई गई।

रानी चेन्नम्मा के बारे में
- उनका विवाह देसाई वंश के राजा मल्लसर्ज से हुआ था। इस प्रकार वे कित्तूर (अब कर्नाटक) की रानी बन गई थीं।
- अपने पति और इकलौते पुत्र की मृत्यु के बाद उन्होंने शिवलिंगप्पा को गोद ले लिया था तथा उसे अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था।
- अंग्रेजों ने उसे कित्तूर का वैध उत्तराधिकारी मानने से इनकार कर दिया। इसके परिणामस्वरूप, 1824 में कित्तूर विद्रोह हुआ।
- कित्तूर विद्रोह के बारे में:
- इसे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ पहला भारतीय सशस्त्र विद्रोह माना जाता है। साथ ही, यह महिलाओं द्वारा संचालित शुरुआती उपनिवेश-विरोधी संघर्षों में से भी एक था।
- इसके बाद, ब्रिटिश और कित्तूर के बीच लड़ाई शुरू हो गई। 1824 में हुई पहली लड़ाई में ब्रिटिश हार गए, लेकिन बाद में रानी चेन्नम्मा को पकड़ लिया गया। 1829 में बैलहोंगल किले में कैद में ही उनकी मृत्यु हो गई।
- मूल्य: साहस, नेतृत्व, आदि।