हालिया समय में, ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी ने भारत में गवर्नेंस में क्रांतिकारी बदलाव लाने में अहम भूमिका निभाई है
- ब्लॉकचेन एक वितरित, पारदर्शी, सुरक्षित और अपरिवर्तनीय डेटाबेस है, जो रिकॉर्ड या लेन-देन के लेजर के रूप में कार्य करता है। इसमें डेटा के साथ कोई भी हेरफेर नहीं किया जा सकता है और इसे कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से किसी भी स्थान से एक्सेस किया जा सकता है।
गवर्नेंस में ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी की मुख्य भूमिका
- प्रॉपर्टी चेन: ब्लॉकचेन आधारित संपत्ति प्रबंधन प्रणाली यह सुनिश्चित करती है कि संपत्ति संबंधी प्रत्येक लेन-देन को सुरक्षित रूप से ब्लॉकचेन पर रिकॉर्ड किया जाए।
- यह पारदर्शिता संभावित खरीदारों की मालिकाना हक, अधिकार और जिम्मेदारियां सत्यापित करने में मदद करती है। इससे मुकदमेबाजी में कमी आती है एवं विवादों का समाधान जल्दी होता है।
- सर्टिफिकेट और डॉक्यूमेंट चेन: उदाहरण के लिए- राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) ने रिकॉर्ड्स को सुरक्षित रूप से स्टोर और रिट्रीवल करने के लिए एक ‘सर्टिफिकेट चेन’ बनाई है।
- लॉजिस्टिक्स चेन: आपूर्ति श्रृंखला के सभी लेन-देन किसी भी हेरफेर से सुरक्षित लेजर में दर्ज किए जाते हैं। इससे प्रत्येक चरण पर ट्रेसेब्लिटी और जवाबदेही सुनिश्चित होती है। उदाहरण के लिए- दवाओं के लिए कर्नाटक की ऑनलाइन आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन प्रणाली (औषध)।
- ज्यूडिशियरी चेन: ब्लॉकचेन के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से नोटिस, समन और बेल ऑर्डर्स भेजने की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। इससे देरी कम होती है और मैनुअल निर्भरता समाप्त होती है।
- इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (ICJS): अक्टूबर 2025 तक ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म पर 39,000 से अधिक ICJS दस्तावेजों का सत्यापन किया जा चुका है।
ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई प्रमुख पहलें
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