केंद्र सरकार “राष्ट्रीय वन हेल्थ मिशन” शुरू करेगी | Current Affairs | Vision IAS
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केंद्र सरकार ने भारत में महामारी की तैयारी, रोग नियंत्रण, अनुसंधान और सामुदायिक सहभागिता में सुधार के लिए मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य क्षेत्रों को एकीकृत करते हुए वन हेल्थ मिशन शुरू किया है।

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इस मिशन को प्रधान मंत्री की विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद (PM-STIAC) ने अनुमोदित किया है। इसके तहत स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों की परस्पर जुड़ी प्रकृति को पहचानते हुए महामारी के खिलाफ मजबूत तैयारी और एकीकृत रोग नियंत्रण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

‘राष्ट्रीय वन हेल्थ मिशन’ के बारे में

  • विज़न: बेहतर स्वास्थ्य परिणाम, बेहतर उत्पादकता और जैव विविधता के संरक्षण के लिए मानव, पशु एवं पर्यावरण को एक साथ लाकर भारत में एकीकृत रोग नियंत्रण तथा महामारी के खिलाफ तैयारी तंत्र का निर्माण करना।
  • कार्यान्वयन एजेंसी: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR)।
  • एंकर संस्थान: राष्ट्रीय वन हेल्थ संस्थान, नागपुर।
  • महत्वपूर्ण स्तंभ:
    • अनुसंधान और विकास: टीके, निदान (diagnostics) और चिकित्साविधान (therapeutics) जैसे आवश्यक साधन विकसित करने के लिए लक्षित अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना।
    • नैदानिक ​​तैयारी (Clinical Readiness): नैदानिक ​​देखभाल संबंधी अवसंरचना और प्रतिक्रिया क्षमताओं के संदर्भ में तैयारी को बढ़ाना।
    • डेटा समेकन: बेहतर पहुंच एवं विश्लेषण के लिए मानव, पशु और पर्यावरण के स्वास्थ्य के मामले में डेटा व सूचना संपर्क कड़ियों को सुव्यवस्थित करना।
    • सामुदायिक सहभागिता: प्रतिक्रिया की निरंतर तैयारी की स्थिति बनाए रखने के लिए घनिष्ठ सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करना।

'वन हेल्थ' के बारे में

  • वन हेल्थ एक एकीकृत और समन्वित दृष्टिकोण है। इसका उद्देश्य मनुष्यों, जानवरों, पादपों और पारिस्थितिकी-तंत्र के स्वास्थ्य को सतत रूप से संतुलित एवं अनुकूलित करना है।
  • भारत में 'वन हेल्थ' दृष्टिकोण निम्नलिखित कारणों से आवश्यक है: 
    • अनूठी जनसांख्यिकी जैसे- विविध वन्यजीव, दुनिया की सबसे बड़ी पशुधन आबादी में से एक भारत में है और मानव आबादी का उच्च घनत्व; 
    • हालिया रोग प्रकोप जैसे- कोविड-19 महामारी, मवेशियों में गांठदार त्वचा रोग का प्रकोप, एवियन इन्फ्लूएंजा का लगातार खतरा आदि।
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