उच्चतम न्यायालय ने पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश के गैर-अनुपालन पर सरकार को फटकार लगाई | Current Affairs | Vision IAS
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    उच्चतम न्यायालय ने पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश के गैर-अनुपालन पर सरकार को फटकार लगाई

    Posted 26 Nov 2025

    Updated 27 Nov 2025

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    Article Summary

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    सर्वोच्च न्यायालय ने स्थापित दिशा-निर्देशों और निरीक्षण प्रतिबद्धताओं के बावजूद, हिरासत में यातना को रोकने के लिए पुलिस थानों में सीसीटीवी लगाने में सरकार की विफलता की आलोचना की।

    ये निर्देश परमवीर सिंह सैनी बनाम बलजीत सिंह वाद, 2020 में जारी किए गए थे। इन निर्देशों में हिरासत में यातना (custodial torture) को रोकने के लिए NIA, CBI और पुलिस थानों सहित कानून प्रवर्तन एजेंसियों के परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है।

    • निर्णय के तहत न्यायालय ने राज्य और जिला स्तरों पर निगरानी समितियों के गठन को अनिवार्य किया था। इन समितियों को 2018 के केंद्र स्तर पर केंद्रीय निगरानी निकाय (Central Oversight Body: COB) की तर्ज पर गठित किया जाना था। 

    भारत में हिरासत में यातना से संबंधित सुरक्षा उपाय

    • संवैधानिक प्रावधान
      • अनुच्छेद 14: कानून के समक्ष समानता का अधिकार।
      • अनुच्छेद 20(3): स्वयं को दोषी ठहराने (self-incrimination) के खिलाफ संरक्षण (स्वयं के खिलाफ साक्ष्य देने से सुरक्षा)।
      • अनुच्छेद 21: जीवन का अधिकार।
    • हिरासत में मृत्यु पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के दिशा-निर्देश (1993): इन दिशा-निर्देशों में हिरासत में मृत्यु या बलात्कार की घटना की 24 घंटे के भीतर रिपोर्टिंग करने का निर्देश दिया गया है।
    • उच्चतम न्यायालय के संबंधित पिछले निर्णय
      • डी.के. बसु बनाम पश्चिम बंगाल राज्य (1997): इसमें हिरासत में लिए गए लोगों की सुरक्षा और गिरफ्तारी की प्रक्रिया के लिए विशिष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए थे।
      • प्रकाश सिंह बनाम भारत संघ (2006): इसमें हिरासत में हुई मृत्यु से संबंधित मामलों में प्रत्येक राज्य में पुलिस शिकायत प्राधिकरण स्थापित करने का आदेश दिया गया था, जो SP या उससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों को देखेगा।
      • शफी मोहम्मद बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य (2018): इसमें गृह मंत्रालय को अपराध स्थल (crime scenes) पर वीडियोग्राफी लागू करने के लिए एक केंद्रीय निगरानी निकाय (COB) स्थापित करने का निर्देश दिया गया था।

    भारत में हिरासत में हुई मौतों की स्थिति

    • उच्चतम न्यायालय के सेंटर फॉर रिसर्च एंड प्लानिंग के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में जेलों में 1,754 हिरासत में मौतें हुई थीं।
      • 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार जिला न्यायालयों में एक वर्ष से अधिक समय से 1,237 हिरासत में हुई मौतों से संबंधित पूछताछ लंबित है।
    • भारत ने 1997 में संयुक्त राष्ट्र यातना विरोधी अभिसमय (UNCAT) पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन अभी तक इसका अनुसमर्थन (ratification) नहीं किया है।
    • Tags :
    • NHRC
    • Custodial Violence
    • Paramvir Singh Saini v. Baljit Singh Case
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