खाद्य और कृषि के लिए अंतर्राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन संधि (ITPGRFA) के शासी निकाय का 11वां सत्र लीमा (पेरू) में संपन्न हुआ | Current Affairs | Vision IAS
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    खाद्य और कृषि के लिए अंतर्राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन संधि (ITPGRFA) के शासी निकाय का 11वां सत्र लीमा (पेरू) में संपन्न हुआ

    Posted 01 Dec 2025

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    यह सेशन मल्टीलेटरल सिस्टम को बढ़ाने में नाकाम रहा, जिसमें 35 खास खाने की और 29 चारे की फसलें कंट्रोल की गईं, जो दुनिया भर में पौधों से मिलने वाले खाने का 80% हिस्सा हैं, और खास मुद्दों को भविष्य के फैसलों के लिए टाल दिया गया।

    ITPGRFA सत्र में, पहुंच और लाभ-साझाकरण के कामकाज के लिए बहुपक्षीय प्रणाली (Multilateral System: MLS) के विस्तार पर वार्ता विफल रही।

    • MLS 35 प्रमुख खाद्य फसलों और 29 चारे वाली फसलों के आनुवंशिक संसाधनों के साझाकरण को नियंत्रित करता है।
      • संयुक्त रूप से ये फसलें विश्व के पादप-आधारित आहार का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा हैं। ये संधि के परिशिष्ट 1 (Annexure 1) में वर्णित हैं।
      • जब कोई देश ITPGRFA को अपनाता है, तो वह इन फसलों की आनुवंशिक विविधता को MLS के माध्यम से अन्य सभी सदस्यों के लिए उपलब्ध कराने पर सहमत होता है।
        • इन फसलों की आनुवंशिक विविधता को विशेष रूप से सार्वजनिक जीन बैंकों से उपलब्ध कराया जाता है। 

    11वें सत्र में प्रस्तुत समझौता प्रस्ताव

    • संशोधित मानक सामग्री हस्तांतरण समझौते (SMTA) को अपनाया गया। साथ ही, यह भी तय किया गया कि पर्याप्त भुगतान दरें और सीमाएं शासी निकाय के 12वें  सत्र में अनुमोदित की जाएंगी। 
      • SMTA के निम्नलिखित कार्य हैं-
        • पादप आनुवंशिक सामग्री के आदान-प्रदान को नियंत्रित करना; 
        • इस सामग्री के दुरुपयोग को रोकना; तथा 
        • यह सुनिश्चित करना कि उत्पन्न होने वाले किसी भी वाणिज्यिक लाभ को निष्पक्ष व न्यायसंगत तरीके से साझा किया जाए।
    • भुगतान प्रणाली, परिशिष्ट I का विस्तार, और डिजिटल अनुक्रम सूचना (DSI) के नियम जैसे प्रमुख मुद्दे 12वें सत्र के लिए स्थगित कर दिए गए।

    भारत का पक्ष

    • भारत ने संप्रभु अधिकारों और निष्पक्ष लाभ-साझाकरण की रक्षा करने की मांग की।
    • भारत ने अपारदर्शी मसौदे का विरोध किया और मांग की कि सभी अनसुलझे मुद्दों पर 12वें सत्र में फिर से विचार किया जाए।

    ITPGRFA के बारे में

    • ITPGRFA को 2001 में खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के सम्मेलन में अपनाया गया था। यह 2004 से लागू हुई थी। 
    • यह फसल आनुवंशिक विविधता के प्रति समर्पित पहला कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतर्राष्ट्रीय समझौता है।
    • इसका उद्देश्य खाद्य और कृषि के लिए सभी पादप आनुवंशिक संसाधनों का संरक्षण एवं संधारणीय उपयोग सुनिश्चित करना है। साथ ही, उनके उपयोग से उत्पन्न होने वाले लाभों का उचित व न्यायसंगत बंटवारा भी सुनिश्चित करना भी इसका उद्देश्य है।
    • यूरोपीय संघ और भारत सहित 154 देश इसके पक्षकार हैं।
    • Tags :
    • Multilateral System (MLS)
    • Access and Benefit Sharing
    • ITPGRFA
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