जनगणना 2027 देश की 16वीं और स्वतंत्रता के बाद आयोजित होने वाली 8वीं जनगणना होगी।
जनगणना 2027 के मुख्य विवरण
- चरणबद्ध संचालन: यह अभ्यास निम्नलिखित दो चरणों में होगा:
- अप्रैल से सितंबर 2026 तक मकान सूचीकरण और आवास गणना; तथा
- फरवरी 2027 तक जनसंख्या प्रगणना (Enumeration)।
- प्रथम डिजिटल जनगणना: मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग किया जाएगा।
- जातिगत डेटा: जनसंख्या प्रगणना चरण के दौरान जातिगत डेटा को भी दर्ज किया जाएगा।
- नई तकनीक: प्रक्रिया की वास्तविक समय की निगरानी के लिए एक समर्पित जनगणना प्रबंधन और निगरानी प्रणाली (CMMS) पोर्टल विकसित किया गया है।
- सेंसस-एज़-ए-सर्विस (CaaS): यह मंत्रालयों को स्पष्ट, मशीन द्वारा पढ़ा जा सकने वाला और कार्रवाई-योग्य प्रारूप में डेटा प्रदान करेगा।
- सहभागिता: जनता को स्व-प्रगणना का विकल्प प्रदान किया जाएगा।
भारत में जनगणना के बारे में
- उत्पत्ति: पहली गैर-समकालिक जनगणना 1872 में आयोजित की गई थी।
- आयोजक: गृह मंत्रालय के तहत भारत का रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त का कार्यालय।
- वैधानिक अधिदेश (Statutory Mandate): जनगणना अधिनियम, जिसे 1948 में अधिनियमित किया गया था। यह जनगणना के संचालन के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करता है।
- मानदंड: एकत्र किए गए डेटा में जनसांख्यिकी, आवास की स्थिति, धर्म और साक्षरता सहित विभिन्न मानदंड शामिल होते हैं। गांव या वार्ड स्तर तक सूक्ष्म-स्तर का डेटा प्राप्त किया जाता है।
- पिछली जनगणना: विगत जनगणना 2011 में की गई थी। 2021 की जनगणना को कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया था।