इसके बाद रामसर कन्वेंशन के अंतर्गत भारत की आर्द्रभूमियों की संख्या 85 से बढ़कर 89 हो गई हैं। यह एशिया में सबसे बड़ी संख्या है, जबकि विश्व स्तर पर तीसरी सबसे बड़ी संख्या है। इन चार आर्द्रभूमियों को तमिलनाडु, सिक्किम और झारखंड से शामिल किया गया है।
- तमिलनाडु 20 रामसर स्थलों के साथ सबसे आगे है, जो भारतीय राज्यों में सबसे ऊपर है।
- सिक्किम और झारखंड से पहले रामसर स्थल हैं।

आर्द्रभूमियों पर रामसर कन्वेंशन के बारे में
- इसे 1971 में रामसर (ईरान) में अपनाया गया था।
- उद्देश्य: आर्द्रभूमियों के संरक्षण और उनके जिम्मेदारीपूर्ण उपयोग हेतु राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों के लिए एक फ्रेमवर्क प्रदान करना।
2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस मनाया जाता है।