केंद्रीय बजट 2025 में सीमा शुल्क संरचना को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव किया गया | Current Affairs | Vision IAS
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सीमा शुल्क दरों में प्रस्तावित महत्वपूर्ण बदलाव 

  • सीमा शुल्क दरों की कुल संख्या को शून्य कर दर सहित 15 से घटाकर 8 कर दिया गया है।
  • एक से अधिक उपकर या अधिभार नहीं लगाने का प्रस्ताव किया गया है। इसलिए, उन 82 वस्तुओं पर सामाजिक कल्याण अधिभार (Social Welfare Surcharge) से छूट दी गई है, जिन पर पहले से ही कोई अन्य उपकर लागू है।
  • कुछ वस्तुओं को छोड़कर उपयुक्त उपकर आरोपित किए जाएंगे, ताकि प्रभावी शुल्क आरोपण बना रहा।  

महत्त्व 

  • टैरिफ/ ट्रेड वॉर के मद्देनजर भारत द्वारा सीमा शुल्क व्यवस्था को सुव्यवस्थित करना, घरेलू उद्योगों का संरक्षण करते हुए महत्वपूर्ण आयातों को सुगम बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
    • ज्ञातव्य है कि हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका ने चीन पर व्यापक टैरिफ लगाकर ट्रेड वॉर को सक्रिय कर दिया था। इसके परिणामस्वरूप, चीन ने जवाबी कार्रवाई की थी।
  • अमेरिका द्वारा आरोप लगाया जाता रहा है कि भारत बहुत उच्च सीमा शुल्क संबंधी उच्च टैरिफ वाला देश है। इससे अमेरिकी कंपनियों को नुकसान हो रहा है। अतः सीमा शुल्क संरचना के तहत शुल्क के युक्तिकरण से भारत को यह छवि बदलने में भी मदद मिलेगी।

ट्रेड वॉर क्या है?

  • ट्रेड वॉर तब होता है, जब देश आयात-निर्यात पर प्रशुल्क (Tariff) या अन्य व्यापारिक बाधाएं लगाते हैं। इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं बाधित हो सकती हैं, लागत बढ़ सकती है और आर्थिक संवृद्धि धीमी हो सकती है।

भारत अपनी अर्थव्यवस्था को ट्रेड वार के प्रभाव से कैसे बचा रहा है?

  • घरेलू विनिर्माण को मजबूत करके: इसके लिए उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (PLI) योजना, मेक इन इंडिया आदि पहलें शुरू की गई हैं।
  • व्यापार साझेदारों में विविधता लाकर: इस संबंध में संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ के साथ व्यापार समझौते किए गए हैं। 
  • अन्य: इसमें चीन पर निर्भरता को कम करना (चीन+1 रणनीति), रुपए का अंतर्राष्ट्रीयकरण जैसे उपाय शामिल हैं।
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