नवीन AI साक्षरता दायित्वों के तहत, AI टूल उपलब्ध कराने वालों (Providers) और परिनियोजनकर्ताओं (Deployers) को अपने कर्मचारियों एवं AI सिस्टम के साथ काम करने वाले अन्य व्यक्तियों के लिए AI साक्षरता का पर्याप्त स्तर सुनिश्चित करना होगा।
यूरोपीय संघ का AI अधिनियम
- उत्पत्ति: यूरोपीय संघ का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अधिनियम AI के लिए दुनिया का पहला व्यापक कानूनी ढांचा है। यह अधिनियम 2024 में आंशिक रूप से लागू हो गया है तथा 2026 तक पूरी तरह से लागू किया जाएगा।
- अप्रोच: यह अधिनियम विनियमन के लिए जोखिम-आधारित दृष्टिकोण को अपनाता है तथा जोखिम के स्तर के अनुसार AI पर अलग-अलग नियम लागू करता है।
- निषेध: अधिनियम में नैतिकता, सुरक्षा और पारदर्शिता के महत्त्व पर जोर देते हुए AI के लिए निषिद्ध कार्यों की सूची दी गई है (चित्र देखें)।
AI अधिनियम के प्रभाव
- वैश्विक प्रभाव:
- मानव-केंद्रित फोकस: यह अधिनियम मूल अधिकारों की सुरक्षा करता है, भेदभाव को रोकता है तथा नैतिक क्षेत्र में AI को बढ़ावा देता है। साथ ही, अपनाने में वैश्विक स्तर पर भरोसेमंद एवं जिम्मेदार AI को बढ़ावा देता है।
- AI विनियमन के लिए वैश्विक बेंचमार्क: अन्य देश भी इसी तरह के ढांचे को अपना सकते हैं तथा अपने AI संबंधी विनियमों को यूरोपीय संघ के मानकों के अनुरूप बना सकते हैं।
- अनुपालन लागत में वृद्धि: गैर-यूरोपीय संघ कंपनियों को अधिनियम के अनुपालन के लिए अपने AI सिस्टम को अनुकूलित करने हेतु अतिरिक्त खर्चा करना पड़ सकता है।
- भारत पर प्रभाव:
- जोखिम-आधारित विनियमन: भारत की AI नीति जोखिम-आधारित दृष्टिकोण से लाभान्वित हो सकती है। इसमें AI अनुप्रयोगों को उनके संभावित सामाजिक प्रभाव के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है।
- वैश्विक मानकों के साथ संरेखण: भारत के AI विनियमों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के साथ संरेखित करने से वैश्विक सहयोग बढ़ सकता है। साथ ही, भारतीय कंपनियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद मिल सकती है।
