दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में रिक्टर पैमाने पर 4.0 तीव्रता का भूकंप आया | Current Affairs | Vision IAS
मेनू
होम

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए प्रासंगिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास पर समय-समय पर तैयार किए गए लेख और अपडेट।

त्वरित लिंक

High-quality MCQs and Mains Answer Writing to sharpen skills and reinforce learning every day.

महत्वपूर्ण यूपीएससी विषयों पर डीप डाइव, मास्टर क्लासेस आदि जैसी पहलों के तहत व्याख्यात्मक और विषयगत अवधारणा-निर्माण वीडियो देखें।

करंट अफेयर्स कार्यक्रम

यूपीएससी की तैयारी के लिए हमारे सभी प्रमुख, आधार और उन्नत पाठ्यक्रमों का एक व्यापक अवलोकन।

ESC

हिमालयी क्षेत्र में प्लेट विवर्तनिकी के कारण आने वाले भूकंपों के विपरीत यह भूकंप एक अंतःप्लेट (Intra-plate) परिघटना थी, जो "इन-सीटू मटेरियल हेटेरोजिनिटी" के कारण घटित हुई है।

  • भूकंप का एपिसेंटर दिल्ली में होने तथा भूकंप का धरातल से मात्र 5 किलोमीटर की गहराई (बॉक्स देखें) पर होने के कारण भूकंप के झटके अधिक तीव्र थे। 
    • भूकंप के केंद्र के ठीक ऊपर पृथ्वी की सतह पर स्थित बिंदु को एपिसेंटर या अधिकेंद्र कहते हैं। 

इन-सीटू मटेरियल हेटेरोजिनिटी के कारण आने वाले भूकंप

  • परिभाषा: यह पृथ्वी की भूपर्पटी के भौतिक गुणों में मौजूद असमानताओं जैसे चट्टान के प्रकार, चट्टान के छिद्रों में तरल पदार्थ की उपस्थिति, आदि के कारण घटित होने वाली भूकंपीय गतिविधि को संदर्भित करता है। 
  • भूकंप का आना: चट्टानों के भौतिक गुणों में भिन्नता के कारण तनाव का संकेन्द्रण होने लगता है। इससे अंततः भूकंप की संभावना बढ़ जाती है।
  • भ्रंश रेखा पर प्रभाव: 'इन-सीटू हेटेरोजिनिटी' के चलते भ्रंश वाले क्षेत्रों में तनाव का निर्माण होता है। इससे भी भूकंप की संभावना में बढ़ोतरी हो जाती है।
    • दिल्ली भारत के भूकंपीय मानचित्र में ज़ोन-IV में स्थित है, जो देश का दूसरा सबसे संवेदनशील ज़ोन है।

दिल्ली में भूकंप अधिक क्यों आते हैं?

  • दिल्ली भारतीय-यूरेशियन प्लेट टकराव क्षेत्र के निकट स्थित है। इसमें भारतीय प्लेट 5 सेमी प्रति वर्ष की गति से उत्तर की ओर बढ़ रही है, जिससे भ्रंश रेखाओं पर तनाव उत्पन्न हो रहा है।
  • भ्रंश प्रणालियां: दिल्ली-हरिद्वार रिज, भारतीय प्लेट का विस्तार है। अरावली भ्रंश प्रणाली एक गहरी भूगर्भीय संरचना है। इन दोनों के कारण ही अन्तः प्लेट भूकंप आ सकते हैं।
  • सिंधु-गंगा का मैदान: दिल्ली-NCR असंगठित जलोढ़ मृदा क्षेत्र में स्थित है, जो भूकंपीय तरंगों की तीव्रता को बढ़ाता है।

उथले भूकंप (Shallow Earthquake) या कम गहराई से उत्पन्न होने वाले भूकंप के बारे में

  • भूकंप पृथ्वी की सतह के नीचे चट्टानों के खिसकने से उत्पन्न अचानक और तेजी से होने वाला कंपन है।
  • उथले भूकंप पृथ्वी की भूपर्पटी में अपेक्षाकृत कम गहराई (0 से 70 किमी) पर उत्पन्न होते हैं।
  • मध्यम गहराई के भूकंप 70 से 300 किमी के बीच और अधिक गहरे भूकंप 300 से 700 किमी के बीच उत्पन्न होते हैं।
  • प्रभाव: उथले भूकंप धरातल के ज्यादा निकट होने के कारण अधिक विनाशकारी होते हैं और भारी क्षति पहुंचा सकते हैं।
Watch Video News Today
Title is required. Maximum 500 characters.

Search Notes

Filter Notes

Loading your notes...
Searching your notes...
Loading more notes...
You've reached the end of your notes

No notes yet

Create your first note to get started.

No notes found

Try adjusting your search criteria or clear the search.

Saving...
Saved

Please select a subject.

Referenced Articles

linked

No references added yet

Subscribe for Premium Features