सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2024-25 जारी की | Current Affairs | Vision IAS
मेनू
होम

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए प्रासंगिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास पर समय-समय पर तैयार किए गए लेख और अपडेट।

त्वरित लिंक

High-quality MCQs and Mains Answer Writing to sharpen skills and reinforce learning every day.

महत्वपूर्ण यूपीएससी विषयों पर डीप डाइव, मास्टर क्लासेस आदि जैसी पहलों के तहत व्याख्यात्मक और विषयगत अवधारणा-निर्माण वीडियो देखें।

करंट अफेयर्स कार्यक्रम

यूपीएससी की तैयारी के लिए हमारे सभी प्रमुख, आधार और उन्नत पाठ्यक्रमों का एक व्यापक अवलोकन।

ESC

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है, जो लगभग 63.45 लाख किलोमीटर लंबा है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

  • राजमार्ग नेटवर्क: राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) नेटवर्क 2014 में 91,287 किमी. था। इसमें वर्तमान में 60% की वृद्धि हुई है, जो बढ़कर 1.46 लाख किमी. हो गया है।
    • 2014-15 में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की गति 12.1 किमी/दिन थी। यह 2023-24 में 2.8 गुना बढ़कर 33.8 किमी/दिन हो गई है।
  • पूंजीगत व्यय: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का पूंजीगत व्यय 2013-14 से 5.7 गुना बढ़कर 2023-24 में 3.01 लाख करोड़ रुपये हो गया था।
  • इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT): InvIT मोड के तहत 25,900 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं।
  • राज्य सड़क परिवहन उपक्रम (SRTUs): 58 SRTUs ने लगभग 30,000 करोड़ रुपये का समेकित निवल घाटा दर्ज किया है, जो तीन वर्षों में घाटे में 68% की वृद्धि है।
    • इसके लिए जिम्मेदार कारक हैं- बेड़े का कम उपयोग, ईंधन की बढ़ती लागत और मुफ्त में बस यात्रा से जुड़ी योजनाएं आदि।
  • नवीन प्रौद्योगिकियां:
    • कृषि अपशिष्ट से प्राप्त बायो-बाइंडर्स: कृषि अपशिष्ट से प्राप्त बायो-बाइंडर्स का उपयोग पेट्रोलियम-आधारित बाइंडर्स के विकल्प के रूप में बिटुमिन्स आधारित सड़क निर्माण में किया जा सकता है।
    • अल्ट्रा-हाई-परफॉरमेंस फाइबर रिइंफोर्समेंट कंक्रीट (UHPFRC): इसका उपयोग पुल निर्माण में पुलों की मजबूती और उनकी भार वहन क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता है।
    • ग्राफीन संशोधित डामर (GIPAVE): इसका उपयोग डामर निर्मित फुटपाथों की गुणवत्ता बढ़ाने और उनकी दीर्घकालिकता में सुधार करने के लिए किया जाता है।
    • गैप-ग्रेडेड रबराइज्ड बिटुमेन (GGRB): यह बिटुमेन मिश्रण में रबड़ के कणों को शामिल करता है।
    • अन्य सामग्रियां: जियो-सिंथेटिक मटेरियल जिसमें कॉयर/ जूट, स्टील व आयरन स्लैग, कॉपर स्लैग, जिंक स्लैग, बायो-बिटुमेन, बायो-सीमेंट, रीसायकल ग्लास एग्रीगेट, ग्राफीन एनहांस्ड कंक्रीट, सिलिका-फ्यूम आदि शामिल हैं।
Watch Video News Today
Title is required. Maximum 500 characters.

Search Notes

Filter Notes

Loading your notes...
Searching your notes...
Loading more notes...
You've reached the end of your notes

No notes yet

Create your first note to get started.

No notes found

Try adjusting your search criteria or clear the search.

Saving...
Saved

Please select a subject.

Referenced Articles

linked

No references added yet

Subscribe for Premium Features