यह रिपोर्ट इस तथ्य को रेखांकित करती है कि साझा प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन और पारिस्थितिकी-तंत्र पुनर्बहाली पर सहयोग व्यापक राजनीतिक समझौतों का मार्ग प्रशस्त कर सकता है और यहां तक कि संघर्षों को भी रोक सकता है।
भू-निम्नीकरण (Degradation) और वैश्विक संघर्षों के बीच संबंध
- आर्थिक अवसरों की हानि: भू-निम्नीकरण से प्रभावित समुदाय वस्तुओं की तस्करी, मानव तस्करी जैसी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त होने के लिए बाध्य हो जाते हैं।
- खाद्य असुरक्षा: बार-बार फसल खराब होने और मुद्रास्फीति बढ़ने से देश में राजनीतिक एवं आर्थिक अस्थिरता का खतरा बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए- सोमालिया में संघर्ष।
- मानव प्रवासन: भूमि निम्नीकरण प्रवासन और विस्थापन को बढ़ा सकता है।
- असमानताओं में वृद्धि: यह अल्पसंख्यक और सुभेद्य समूहों के हाशिए पर जाने व उनके साथ भेदभाव का कारण बन सकता है।
- गवर्नेंस पर प्रभाव: भूमि के प्रबंधन के मामले में कमजोर प्रशासनिक संरचनाएं संघर्ष को बढ़ा सकती हैं, जिसमें सीमा-पार विवाद भी शामिल हैं। उदाहरण: अमेज़न वर्षावन में पर्यावरणीय प्रशासन व्यवस्था कमजोर होने के कारण ब्राजील, पेरू और कोलंबिया के बीच संघर्ष की स्थिति देखी जाती है।
अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए भूमि-पुनर्बहाली का उपयोग:
- इस रिपोर्ट में संघर्ष क्षेत्रों में शांति स्थापना के उद्देश्य से पारिस्थितिकी-तंत्र पुनर्बहाली हेतु निम्नलिखित पांच उपायों की पहचान की गई है:
- तकनीकी और वैज्ञानिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित करना: यह साझा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक तटस्थ आधार तैयार कर सकता है।
- पक्षकारों के बीच समावेशी वार्ता: सीमा-पार पारिस्थितिकी-तंत्र पुनर्बहाली में इसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
- ट्रांस-बाउंड्री गवर्नेंस व्यवस्था: एक से अधिक देशों में फैले किसी पारिस्थितिकी-तंत्र के लिए इस तरह की गवर्नेंस व्यवस्था से विश्वास-बहाली सुनिश्चित होगी।
- भूमि पुनर्बहाली के लिए संघर्ष-संवेदनशील अप्रोच अपनाना: संघर्ष के सभी पक्षकारों के हितों का सम्मान करना चाहिए। इससे विश्वास और सहयोग को बहाल करने में मदद मिलेगी।
- क्षमता निर्माण: इससे संबंधित पक्षकारों के बीच सौहाद्रपूर्ण वार्ता को बढ़ावा मिलेगा।
भूमि पुनर्बहाली के लिए प्रमुख पहलें:
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