वीर नारायण सिंह (1795-1858)
1857 के विद्रोह के प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी वीर नारायण सिंह को उनकी पुण्यतिथि (25 फरवरी) पर देशवासियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

वीर नारायण सिंह के बारे में
- वे छत्तीसगढ़ के सोनाखान के जमींदार थे।
- उनके पूर्वज गोंड जनजाति से संबंधित थे और सारंगढ़ में रहते थे। बाद में, उनके पूर्वजों ने गोंड से
- में जाति परिवर्तन किया और रायपुर जिले में बस गए।
प्रमुख योगदान
- 1856 के भयंकर अकाल के दौरान, उन्होंने अन्न भंडार से अनाज निकालकर गरीबों में बांटा, ताकि वे भुखमरी से बच सकें।
- 1856 में ब्रिटिश अधिकारियों ने उन्हें एक व्यापारी के अनाज भंडार को लूटने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
- 1857 के विद्रोह के दौरान, वे जेल से भाग निकले और सोनाखान में 500 सैनिकों की एक आर्मी बनाई।
- उन्होंने छत्तीसगढ़ में 1857 के विद्रोह का नेतृत्व किया। इसलिए, उन्हें “प्रथम छत्तीसगढ़ी स्वतंत्रता सेनानी” माना जाता है।
- नैतिक मूल्य: देशभक्ति, नेतृत्व, साहस, सहानुभूति, आदि।