संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता अभिसमय के पक्षकारों का 16वें सम्मेलन का नया सत्र (CBD COP 16.2) रोम में आयोजित किया गया। यह सत्र वास्तव में कोलंबिया के कैली में आयोजित CBD COP-16 की प्रगति को आगे बढ़ाने पर केंद्रित था।
- गौरतलब है कि कैली में ही FAO ने कोलंबियाई सरकार और जैव-विविधता अभिसमय (CBD) के सहयोग से “कृषि-राष्ट्रीय जैव विविधता रणनीतियां और कार्य योजनाएं (Agri-NBSAPs)” पहल की शुरुआत की थी।
एग्री-NBSAPs के बारे में

- एग्री-NBSAPs का उद्देश्य सरकारों को कृषि-खाद्य प्रणाली (Agrifood Systems: AFS) को राष्ट्रीय जैव विविधता रणनीतियों और कार्य योजनाओं (NBSAPs) में शामिल करने तथा उन्हें लागू करने में सहायता प्रदान करना है।
- गौरतलब है कि NBSAP जैव विविधता संरक्षण के लिए एक व्यापक फ्रेमवर्क प्रदान करती है और जैव संसाधनों के संधारणीय उपयोग को बढ़ावा देती है।
- अलग-अलग देश अपनी NBSAP को कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता फ्रेमवर्क (KM-GBF) के तहत तैयार करते हैं। KM-GBF का लक्ष्य 2030 तक जैव विविधता क्षरण को रोकना और पुनर्बहाली सुनिश्चित करना है।
- गौरतलब है कि NBSAP जैव विविधता संरक्षण के लिए एक व्यापक फ्रेमवर्क प्रदान करती है और जैव संसाधनों के संधारणीय उपयोग को बढ़ावा देती है।
- यह एक समन्वित तंत्र प्रदान करती है, जो सरकारों को क्षमता निर्माण करने, कृषि-खाद्य प्रणाली में रणनीतिक प्रयासों की पहचान करने और उन्हें लागू करने में सहायता करता है। इससे NBSAP के लक्ष्यों की प्राप्ति को सुनिश्चित किया जा सकता है।
NBSAP में कृषि-खाद्य प्रणाली को क्यों एकीकृत किया जाना चाहिए?
- KM-GBF लक्ष्यों को हासिल करने के लिए: कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता फ्रेमवर्क के 23 टार्गेट्स में से आधे से अधिक कृषि से संबंधित हैं।
- KM-GBF का लक्ष्य 2030 तक जैव विविधता की हानि को रोकना और जैव-विविधता को पुनर्बहाल करना है।
- उत्सर्जन में कटौती: कृषि-खाद्य प्रणाली वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में लगभग एक-तिहाई का योगदान करती है। इस तरह यह जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा देती है और वन्यजीवों के पर्यावासों को नष्ट कर जैव विविधता हानि का कारण बनती है।
- खाद्य सुरक्षा बनाए रखना: जैव विविधता परागण (Pollination), मृदा की उर्वरता और कीट नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- जैव विविधता की हानि से 3 अरब लोगों को खतरा है, क्योंकि 75% खाद्य फसलें परागणकों (Pollinators) पर निर्भर हैं।