सुप्रीम कोर्ट ने कांचा गाचीबोवली क्षेत्र में वनों की कटाई संबंधी गतिविधियों को रोकने का निर्देश दिया है। यह निर्देश उस समय आया जब तेलंगाना सरकार ने हैदराबाद विश्वविद्यालय के पास लगभग 400 एकड़ वन भूमि की नीलामी कर IT पार्क बनाने की योजना बनाई थी। इस नीलामी का छात्र बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
शहरी वनों का महत्त्व
- पर्यावरण: शहरी वन वायु एवं जल शोधन, कार्बन प्रच्छादन (Sequestration), तापमान विनियमन और जैव-विविधता संरक्षण में योगदान करते हैं। उदाहरण के लिए- दिल्ली रिज दिल्ली शहर के लिए ‘ग्रीन लंग्स’ के रूप में कार्य करती है।
- सामाजिक: हरित वन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करते हैं, तनाव को कम करते हैं, सक्रियता को बढ़ावा देते हैं तथा सामाजिक मेल-जोल को मजबूत करते हैं।
- आर्थिक: शहरी वन परिसंपत्तियों के मूल्यों में वृद्धि करते हैं, पर्यटन को बढ़ावा देते हैं, और स्थानीय व्यवसायों एवं विकास में योगदान करते हैं।
- जलवायु लचीलापन: अत्यधिक गर्मी और बाढ़ को कम करते हैं, वायु गुणवत्ता में सुधार करते हैं, तथा जैव विविधता में वृद्धि करते हैं। इससे जलवायु परिवर्तन का सामना करने में मदद मिलती है।

सरकार द्वारा शुरू की गई पहलें
- नगर वन उद्यान कार्यक्रम: इसका उद्देश्य 200 शहरी वनों का विकास करना है। इसके तहत स्थानीय समुदायों, स्कूलों और संगठनों को वनों के विकास एवं रखरखाव में शामिल किया जाएगा।
- स्कूल नर्सरी योजना (SNY): इसका उद्देश्य बच्चों को प्रकृति से जोड़ने के लिए उन्हें स्कूल में पौधे उगाने की गतिविधियों में शामिल करना है।
- मियावाकी वनारोपण पद्धति: इसके तहत शहरी क्षेत्रों में देशज प्रजातियों का उपयोग करके घने एवं प्राकृतिक वन विकसित करना; पारिस्थितिकी-तंत्र को बढ़ावा देना आदि कार्य शामिल हैं।
- हरियाली संबंधी दिशा-निर्देश: केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के अनुसार शहरों के न्यूनतम 12-18% भाग पर हरित वन होने चाहिए।