भारत के प्रधान मंत्री की श्रीलंका यात्रा के दौरान दोनों देशों ने 7 समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए। इनमें दोनों देशों के बीच ‘प्रथम रक्षा समझौते’ पर हस्ताक्षर भी शामिल हैं।
- इस यात्रा के दौरान भारत के प्रधान मंत्री को "श्रीलंका मित्र विभूषण" से भी सम्मानित किया गया। यह श्रीलंका द्वारा विदेशी व्यक्तियों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
प्रधान मंत्री की श्रीलंका यात्रा की मुख्य उपलब्धियां:
- रक्षा सहयोग: यह एक व्यापक समझौता है, जिसके अंतर्गत दोनों देशों के बीच जारी रक्षा सहयोग को अधिक संगठित रूप में आगे बढ़ाया जाएगा।
- श्रीलंका के राष्ट्रपति ने यह भी आश्वासन दिया कि श्रीलंका के भूभाग पर भारत विरोधी गतिविधियां चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। श्रीलंका में चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए यह आश्वासन मायने रखता है।
- ऊर्जा सहयोग: विद्युत व्यापार के लिए दोनों देशों के बीच ग्रिड कनेक्शन पर विचार किया जाएगा। साथ ही, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के सहयोग से त्रिंकोमाली ऊर्जा हब स्थापित किया जाएगा
- अन्य क्षेत्रों में सहयोग: श्रीलंका में डिजिटलीकरण, स्वास्थ्य-देखभाल में सुधार, श्रीलंका के पूर्वी प्रांत के विकास में भारत का सहयोग, और श्रीलंका को दिए गए ऋण पर ब्याज दरों में कटौती पर भी सहमति बनी है।
भारत के लिए श्रीलंका का महत्त्व:
- रणनीतिक और भू-राजनीतिक महत्त्व: श्रीलंका हिंद महासागर के महत्वपूर्ण नौवहन मार्गों के निकट स्थित है। इसलिए, वह भारत के ‘महासागर (MAHASAGAR) विज़न’ में केंद्रीय भूमिका निभा सकता है।
- यहां महासागर (MAHASAGAR) से आशय है; म्यूच्यूअल एंड हॉलिस्टिक एडवांसमेंट फॉर सिक्योरिटी एंड ग्रोथ अक्रॉस रीजंस। भारत के इस नए विज़न का उद्देश्य छोटे पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करना, समुद्री क्षेत्र में निगरानी बढ़ाना और अवैध गतिविधियों को रोकना है।
- आर्थिक महत्त्व: भारत-श्रीलंका मुक्त व्यापार समझौते (1998) की वजह से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में 5.5 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया था। इसमें भारत से 4.1 अरब डॉलर का निर्यात भी शामिल है।
- सांस्कृतिक महत्त्व: मौर्य सम्राट अशोक के समय से ही दोनों देशों के लोगों के बीच गहरे संबंध रहे हैं। उदाहरण के लिए- श्रीलंका के जय श्री महा बोधि मंदिर में स्थित पवित्र बोधि वृक्ष उस पौधे का अंश माना जाता है, जिसे अशोक की पुत्री संघमित्रा थेरी तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में भारत से लाई थी।
भारत-श्रीलंका संबंधों में चुनौतियां:
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