केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) ने 62वां ‘राष्ट्रीय समुद्री दिवस’ मनाया | Current Affairs | Vision IAS
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राष्ट्रीय समुद्री दिवस (National Maritime Day) 'एस.एस. लॉयल्टी' की ऐतिहासिक समुद्री यात्रा के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह स्टीमशिप 5 अप्रैल,1919 को मुंबई से लंदन के लिए रवाना हुआ था। यह भारतीय स्वामित्व वाला पहला स्टीमशिप था। 

भारत का सामुद्रिक (मेरीटाइम) क्षेत्रक 

  • भारत की समुद्री तटरेखा 7,500 किलोमीटर लंबी है। इसमें 12 महापत्तन (Major ports) और 200 से अधिक लघु पत्तन (Minor ports) हैं। ये विशेषताएं भारत को विश्व का 16वां सबसे बड़ा समुद्री राष्ट्र (Maritime nation) बनाते हैं। 
  • टन भार के अनुसार भारत शिप रीसाइक्लिंग के मामले में विश्व में तीसरे स्थान पर है।
  • विश्व बैंक के इंटरनेशनल शिपमेंट लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPI) में भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है। 2018 में भारत की रैंकिंग 44 थी, जो 2023 में सुधरकर 22 हो गई थी।
  • 2014-15 से 2023-24 के बीच देश के महापत्तनों ने अपनी कार्गो-हैंडलिंग क्षमता में 87% की वृद्धि दर्ज की है। कार्गो-हैंडलिंग क्षमता के मामले में पारादीप भारत का सबसे बड़ा महा पत्तन बन गया है।

भारत के सामुद्रिक क्षेत्रक के समक्ष चुनौतियां

  • पत्तन अवसंरचना में दक्षता की कमी: विशेषकर पत्तनों की देश के आंतरिक परिवहन साधनों से कनेक्टिविटी अभी भी संतोषजनक नहीं है।
  • पर्यावरण से जुड़ी चिंताएं: कई वजहों से तटीय पारिस्थितिकी-तंत्र को नुकसान पहुंच रहा है। इसके अलावा, पत्तनों से जुडी बड़ी परियोजनाओं से भी पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। इन वजहों से लंबे समय तक पत्तनों के संचालन पर प्रभाव पड़ सकता है।
  • भू-राजनीतिक खतरें: वैश्विक भू-राजनीतिक स्थितियों में निरंतर परिवर्तन हो रहे हैं। साथ ही, आतंकी समूह जैसे गैर-राज्य अभिकर्ताओं द्वारा वाणिज्यिक जहाजों पर हमले बढ़ गए हैं। इन सब कारणों से समुद्री व्यापार प्रभावित हो रहा है। 

समुद्री क्षेत्रक को प्रोत्साहन देने हेतु शुरू की गई पहलें

  • नीतिगत पहलें: पत्तन और बंदरगाह (Harbour) परियोजनाओं में स्वचालित मार्ग के तहत 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति दी गई है। साथ ही, बंदरगाहों के विकास से जुड़ी कंपनियों को 10 वर्षों के लिए कर छूट दी गई है।
  • अवसंरचना विकास: महाराष्ट्र के वधावन में एक महापत्तन की स्थापना की मंजूरी दी गई है। साथ ही, 2035 तक पत्तन अवसंरचना में 82 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की योजना बनाई गई है।
  • योजनाएं/ नीतियां: सागरमाला कार्यक्रम, मेरीटाइम इंडिया विज़न 2030, ग्रीन टग ट्रांजिशन कार्यक्रम आदि घोषित किए गए हैं।
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