केंद्र सरकार ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) के विलय के चौथे चरण की घोषणा की | Current Affairs | Vision IAS
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केंद्र सरकार के वित्तीय सेवा विभाग ने "एक राज्य एक RRB" सिद्धांत के आधार पर 26 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) के विलय की अधिसूचना जारी की।

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के विलय के बारे में

  • पृष्ठभूमि: केंद्र सरकार ने व्यास समिति की सिफारिशों के आधार पर 2004–05 में RRBs का विलय शुरू किया था। 
    • तीन चरणों के विलय के पश्चात क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संख्या 196 से घटकर 2020–21 तक 43 हो गई थी।
  • कानूनी प्रावधान: उपर्युक्त विलय क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 के तहत किए गए हैं।
  • एक राज्य एक RRB सिद्धांत: प्रत्येक राज्य में केवल एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक होगा, जिसे सार्वजनिक क्षेत्रक का एक प्रमुख बैंक प्रायोजित करेगा। 
    • उदाहरण: बिहार में दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक को मिलाकर बिहार ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा। इसका मुख्यालय पटना में होगा और इसका प्रायोजक बैंक पंजाब नेशनल बैंक होगा।

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) के बारे में

  • स्थापना: नरसिंहम वर्किंग ग्रुप (1975) की सिफारिशों के आधार पर 2 अक्टूबर, 1975 को RRBs की स्थापना हुई थी। इसके लिए वर्ष 1975 में एक अध्यादेश जारी किया गया था। इसके अगले वर्ष क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 के तहत इसे और मजबूत किया गया था। इन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण सुविधा बढ़ाने के लिए स्थापित किया गया है।
  • उद्देश्य: लघु किसानों, मजदूरों, कारीगरों और ग्रामीण उद्यमियों को ऋण एवं बैंकिंग सेवाएं प्रदान करके कृषि, व्यापार तथा लघु उद्योगों को बढ़ावा देना।
  • स्थापना: केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजक बैंक के अनुरोध पर RRBs स्थापित किए जाते हैं।
  • RRBs का स्वामित्व इस प्रकार है:
    • केंद्र सरकार के पास 50%
    • राज्य सरकार के पास 15% तथा 
    • प्रायोजक बैंक के पास 35%. 
  • विनियमन और पर्यवेक्षण:
    • RRBs का विनियमन भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के अंतर्गत किया जाता है।
    • NABARD इनका पर्यवेक्षण करता है।
    • कर उद्देश्यों से आयकर अधिनियम, 1961 के अंतर्गत इन्हें सहकारी संस्थाओं के रूप में दर्जा प्राप्त है।
  • RRBs के लिए मुख्य आवश्यकताएं:
    • RBI के नियमानुसार इन्हें 9% का जोखिम भारित आस्तियों की तुलना में पूंजी अनुपात (CRAR) बनाए रखना अनिवार्य है।
    • समायोजित निवल बैंक ऋण (ANBC) या ऑफ-बैलेंस शीट एक्सपोजर (CEOBE) (जो भी अधिक हो) का 75% प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रक को ऋण (PSL) के रूप में वितरित करना होगा।
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