भारत-संयुक्त अरब अमीरात संबंध
हाल ही में, दुबई के क्राउन प्रिंस भारत की यात्रा पर आए थे।
- यह क्राउन प्रिंस की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा थी।
यात्रा की मुख्य उपलब्धियां:
- आईआईएम अहमदाबाद और भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (IIFT) के विदेशी कैंपस दुबई में खोले जाएंगे।
- कोच्चि और वाडीनार में शिप-रिपेयर क्लस्टर विकसित किए जाएंगे।
- दुबई चैंबर ऑफ कॉमर्स का इंडिया ऑफिस स्थापित किया जाएगा।
- वर्चुअल ट्रेड कॉरिडोर (VTC): इसके माध्यम से व्यापार को सुविधाजनक बनाने और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEEC) का समर्थन करने में संयुक्त अरब अमीरात की भूमिका को स्वीकार किया गया।
भारत-संयुक्त अरब अमीरात (UAE) संबंध:
- दोनों देशों के बीच 2015 से व्यापक और रणनीतिक साझेदारी स्थापित है।
- बहुपक्षीय सहयोग:
- दोनों देश भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEEC) में शामिल हैं।
- दोनों देश ब्रिक्स के सदस्य हैं।
- दोनों देश I2U2 (भारत-इजरायल-संयुक्त अरब अमीरात-संयुक्त राज्य अमेरिका) के सदस्य हैं।
- दोनों देश UFI (संयुक्त अरब अमीरात-फ्रांस-भारत त्रिपक्षीय सहयोग) में शामिल हैं।
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- भारत-संयुक्त अरब अमीरात
कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) लिमिटेड
कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कपास की 100 लाख गांठों की खरीद की।
कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) के बारे में:
- नोडल मंत्रालय: यह केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र का एक उपक्रम है।
- स्थापना: इसकी स्थापना 1970 में हुई थी।
- मुख्य कार्य:
- यह न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कितनी भी मात्रा में कपास खरीद सकता है।
- यह देश में वस्त्र उद्योग की कच्चे माल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कपास की खरीद करता है।
- प्रमुख पहलें:
- Cott-Ally मोबाइल ऐप: यह ऐप 9 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है। इस ऐप के जरिए किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में रियल टाइम आधार पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- CCI द्वारा खरीदी गई कपास की सभी गांठें क्यूआर कोड के माध्यम से ट्रेसेबल होती हैं।
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- CCI
- सार्वजनिक क्षेत्र का एक उपक्रम
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हिमालयी पारिस्थितिकी-तंत्र के लिए अनुसंधान परियोजनाएं शुरू की गई
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने “आइस-क्रंच (ICE-CRUNCH)” नामक परियोजना की शुरुआत की और भारत के पहले उच्च ऊंचाई जलवायु अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन किया।
- आइस-क्रंच/ ICE-CRUNCH (उत्तर-पश्चिमी हिमालय में हिम नाभिकीय कण और मेघ संघनन नाभिक गुण) भारत एवं स्विट्जरलैंड के वैज्ञानिकों के बीच सहयोगात्मक अध्ययन है।
उच्च ऊंचाई वाले जलवायु अनुसंधान केंद्र के बारे में
- अवस्थिति: नाथाटॉप (जम्मू और कश्मीर)।
- उद्देश्य: जलवायु अनुसंधान, क्षमता निर्माण, युवा वैज्ञानिकों का प्रशिक्षण और जलवायु मॉडलिंग क्षमताओं का विकास करना।
- मुख्य भूमिका: यह विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के ग्लोबल अट्मॉस्फेरिक वाच (GAW) कार्यक्रम से संबद्ध दीर्घकालिक अनुसंधान केंद्र के रूप में काम करेगा।
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- WMO
- आइस-क्रंच
- उत्तर-पश्चिमी हिमालय
- ग्लोबल अट्मॉस्फेरिक वाच
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ओज़ोन प्रदूषण

IIT खड़गपुर द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि धरातलीय ओज़ोन प्रदूषण खासकर इंडो-गंगा के मैदान और मध्य भारत में प्रमुख खाद्य फसलों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है।
ओज़ोन प्रदूषण के बारे में
- धरातलीय ओज़ोन: ओज़ोन एक द्वितीयक प्रदूषक है। यह सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में नाइट्रोजन ऑक्साइड और वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों के बीच रासायनिक अभिक्रियाओं से बनती है।
- प्रभाव: यह स्मॉग (धुंध) को बढ़ाती है, फसलों को नुकसान पहुंचाती है, और स्वास्थ्य को भी हानि पहुंचाती है।
- AQI: वायु गुणवत्ता सूचकांक धरातलीय ओज़ोन को दर्शाता है।
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इंडिया स्किल्स एक्सेलेरेटर
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने विश्व आर्थिक मंच के साथ मिलकर "इंडिया स्किल्स एक्सेलेरेटर" पहल शुरू की।
इंडिया स्किल्स एक्सेलरेटर के बारे में
- इंडिया स्किल्स एक्सेलरेटर एक राष्ट्रीय सार्वजनिक-निजी सहयोग मंच है। इसका उद्देश्य सभी क्षेत्रकों में कौशल विकास से संबंधित नवाचार और समाधान को सुगम बनाना है।
- मुख्य उद्देश्य: इंडिया स्किल्स एक्सेलेरेटर का उद्देश्य तीन महत्वपूर्ण स्तरों पर बदलाव को प्रेरित करना है:
- भविष्य की कौशल संबंधी आवश्यकताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना,
- सहयोग और ज्ञान साझाकरण को बढ़ाना, तथा
- उत्तरदायी कौशल इकोसिस्टम के लिए संस्थाओं और नीतियों में सुधार करना।
- रणनीतिक फोकस क्षेत्र: समावेशी कौशल उन्नयन, आजीवन सीखने में निवेश, AI, रोबोटिक्स और ऊर्जा जैसे वृद्धि की उच्च संभावना वाले क्षेत्रों के साथ सामंजस्य।
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- इंडिया स्किल्स एक्सेलेरेटर
- कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
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चित्तौड़गढ़ किला
राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह चित्तौड़गढ़ किले के 10 किलोमीटर के दायरे में खनन गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है।
चित्तौड़गढ़ किले के बारे में
- अवस्थिति: राजस्थान में स्थित है।
- इस किले का निर्माण 7वीं शताब्दी में स्थानीय मोरी राजपूत शासक चित्रांगद मोरी ने कराया था।
- ऐतिहासिक महत्त्व
- चितौड़ मध्यकालीन मेवाड़ राज्य की राजधानी थी।
- मलिक मुहम्मद जायसी की रचना ‘पद्मावत’ के अनुसार, अलाउद्दीन खिलजी ने चितौड़ के शासक रतन सिंह की रानी पद्मिनी को प्राप्त करने के लिए चित्तौड़गढ़ किले पर आक्रमण किया था।
- रानी पद्मिनी ने अपने मान और मर्यादा की रक्षा के लिए सामूहिक जौहर (आत्मदाह) किया था।
- सांस्कृतिक महत्त्व: यह किला उन सात पहाड़ी किलों में से एक है जिन्हें 2013 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
- Tags :
- विश्व धरोहर स्थल
- चित्तौड़गढ़ किला
- मलिक मुहम्मद जायसी
- राजस्थान का पहाड़ी किला
मातृ मृत्यु दर के रुझान का अनुमान 2000 से 2023 तक रिपोर्ट
यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र मातृ मृत्यु अनुमान अंतर-एजेंसी समूह (MMEIG) द्वारा जारी की गई है।
- इस समूह में विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, UNFPA, विश्व बैंक समूह और UNDESA/ पॉपुलेशन डिवीजन शामिल हैं।
- 2030 तक मातृ मृत्यु दर को प्रति 100000 जीवित जन्मों पर 70 से कम करना सतत विकास लक्ष्यों में से एक है।
इस रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- 2000 से 2023 तक वैश्विक स्तर पर मातृ मृत्यु में 40% की कमी आई है।
- मध्य और दक्षिणी एशिया में 2000 से 2023 तक मातृ मृत्यु दर (MMR) में सबसे अधिक गिरावट (72.9%) हुई है।
- 2023 में, नाइजीरिया में सबसे अधिक मातृ मृत्यु (लगभग 75 000 मृत्यु) हुई है, जबकि भारत में यह आंकड़ा 19 000 रहा है।
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- MMEIG
- UNDESA
- मातृ मृत्यु