देश में 2.5 लाख ग्राम पंचायतें हैं। इनमें से 29 राज्यों की लगभग 2.16 लाख ग्राम पंचायतों के आंकड़ों का आकलन किया गया है।
- पंचायत का तात्पर्य ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अनुच्छेद 243B के तहत गठित स्वशासन की संस्था से है।
पंचायत प्रगति सूचकांक (PAI) के बारे में

- अवधारणा: PAI एक बहु-क्षेत्रीय और बहु-क्षेत्रकीय सूचकांक है। इसका पंचायतों के समग्र विकास, प्रदर्शन और प्रगति का आकलन करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- उद्देश्य: यह ये मापने का प्रयास करता है कि जमीनी स्तर की संस्थाएं स्थानीय सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को कितनी अच्छी तरह प्राप्त कर रही हैं।
- थीम: सूचकांक स्थानीय विकास से संबंधित 9 प्रमुख थीम्स के आधार पर पंचायतों का मूल्यांकन करता है (चित्र देखें)।
- पंचायत प्रगति सूचकांक (PAI) में श्रेणियां
- अचीवर (0%): इस वर्ष के आकलन में भारत की कोई भी पंचायत 'अचीवर' श्रेणी में जगह नहीं बना पाई है।
- एस्पिरैंट (आकांक्षी) (61.2%): इस श्रेणी में सर्वाधिक संख्या में पंचायतों ने अपना स्थान हासिल किया है।
- परफ़ॉर्मर (प्रदर्शनकर्ता) (36%): काफी संख्या में पंचायतों ने मध्यम स्तर की प्रगति हासिल की है।
- फ्रंट-रनर (अग्रणी): इस श्रेणी में सबसे अधिक पंचायतों के साथ गुजरात शीर्ष पर है।