राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से 17 महिला कैडेट्स का पहला बैच पास हुआ | Current Affairs | Vision IAS
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राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से 17 महिला कैडेट्स का पहला बैच पास हुआ

Posted 31 May 2025

7 min read

यह क्षण भारतीय सेना में लैंगिक समावेशिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह लैंगिक बाधाओं को तोड़ने का भी प्रतीक है। साथ ही, भारत की रक्षा सेवाओं में सेवा करने की इच्छुक महिलाओं की भावी पीढ़ियों के लिए एक मिसाल कायम करता है।

  • 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को NDA में प्रवेश देने का निर्देश दिया था। इसके बाद, 2022 में पहले बैच को प्रवेश दिया गया था।
  • 1954 में पुणे (महाराष्ट्र) के पास खड़कवासला में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) की स्थापना हुई थी। यह भारतीय सशस्त्र बलों का एक संयुक्त सेवा प्रशिक्षण अकादमी और स्नातक स्कूल है।
    • यह दुनिया की पहली त्रि-सेवा (Tri-service) अकादमी है।

रक्षा बलों में महिलाओं की भागीदारी का महत्त्व

  • लैंगिक समानता: गैर-भेदभावपूर्ण अवसरों का प्रावधान समानता के अधिकार (अनुच्छेद 14, 15 व 16) के अनुरूप है।
  • प्रतिभा पूल और भर्ती: साइबर युद्ध और डिजिटल रूप से सुसज्जित हथियारों के युग में महिलाएं हथियारों को कुशलतापूर्वक संभाल सकती हैं।
  • मानवीय और शांति मिशन: महिलाएं स्थानीय आबादी में आसानी से घुलमिल जाती हैं, खासकर ऐसे समाजों में जहां सांस्कृतिक मानदंड पुरुष सैनिकों के साथ वार्ता को सीमित कर सकते हैं।

चुनौतियां

  • रक्षा क्षेत्रक एवं नेतृत्व में महिलाओं के लिए सामाजिक-सांस्कृतिक स्वीकृति का अभाव, शारीरिक मानक, भेदभाव, बुनियादी सुविधाओं की कमी आदि।
  • Tags :
  • NDA
  • लैंगिक समावेशिता
  • संयुक्त सेवा प्रशिक्षण अकादमी
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