लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर (1725 - 1795)
लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर को उनकी 300वीं जयंती पर देशवासियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
अहिल्याबाई होल्कर के बारे में

- वे मालवा राज्य के होल्कर वंश की रानी थीं। उन्हें “दार्शनिक रानी” के रूप में जाना जाता है।
- प्रारंभिक जीवन:
- जन्म: चोंडी गाँव, अहमदनगर (महाराष्ट्र) में हुआ।
- विवाह: मल्हार राव होल्कर से हुआ, जो मालवा क्षेत्र के शासक थे।
- शाही उत्तराधिकार: पेशवा ने अहिल्याबाई को मालवा का शासन सौंपा। 1767 में वे इंदौर की शासिका बनी।
मुख्य योगदान
- उन्होंने महेश्वर में एक कपड़ा उद्योग की स्थापना की, जो आज महेश्वरी साड़ियों के लिए प्रसिद्ध है।
- मंदिर निर्माण और जीर्णोद्धार:
- रानी ने 12 ज्योतिर्लिंगों में से दो का निर्माण कराया था।
- काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया।
- गुजरात में पुराने (जूना) सोमनाथ मंदिर का निर्माण कराया, जो अहिल्याबाई मंदिर नाम से प्रसिद्ध है।
- हरिद्वार, काशी, सोमनाथ और रामेश्वरम जैसे तीर्थस्थलों पर भी मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया।
- स्थापत्य कला: नर्मदा नदी के किनारे महेश्वर किला (अहिल्या किला) का निर्माण करवाया।
- उन्होंने एक महिला सेना का भी गठन किया, जो राज्य की रक्षा, कानून व्यवस्था और महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बनी।