भारत ने “ग्लेशियर संरक्षण पर उच्च स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन” में ग्लेशियरों के संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई | Current Affairs | Vision IAS
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भारत ने “ग्लेशियर संरक्षण पर उच्च स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन” में ग्लेशियरों के संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई

Posted 02 Jun 2025

11 min read

‘ग्लेशियर संरक्षण पर उच्च स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में यूनेस्को और विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के सहयोग से आयोजित किया गया।

ग्लेशियर क्यों महत्वपूर्ण हैं?

  • ताजे जल के स्रोत: पृथ्वी पर उपलब्ध कुल जल का केवल 3% ताज़ा जल है। इनमें से दो-तिहाई जल ग्लेशियरों में जमा है।
  • नदी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए आवश्यक: उदाहरण के लिए- हिंदू कुश हिमालय (HKH) की लगभग 54,000 ग्लेशियरें, सिंधु नदी प्रणाली के जल प्रवाह में लगभग 40% का योगदान देती हैं।
  • पृथ्वी की जलवायु का प्राकृतिक आर्काइव: इन ग्लेशियरों में पृथ्वी के पिछले 8 लाख वर्षों तक की जलवायु के रिकॉर्ड मौजूद हैं। इससे ग्लोबल वार्मिंग और कूलिंग चक्रों को समझने में मदद मिलती है।
  • मानसून को प्रभावित करना: हिमालय के ग्लेशियर और हिंद महासागर के बीच तापमान में अंतर वास्तव में दक्षिण-पश्चिम मानसून की भारत की मुख्य भूमि में प्रवेश को प्रभावित करती है। 

ग्लेशियरों के संरक्षण हेतु उठाए गए कदम

भारत में उठाए गए कदम:

  • नेशनल मिशन ऑन सस्टेनिंग हिमालयन इकोसिस्टम (NMSHE): यह भारत की “जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC)” का एक प्रमुख मिशन है।
  • क्रायोस्फीयर और जलवायु परिवर्तन अध्ययन केंद्र: यह केंद्र भारतीय हिमालयी क्षेत्र में ग्लेशियरों पर निगरानी रखने एवं इनका अध्ययन करने के लिए स्थापित किया गया है।
  • आपदा से निपटने के लिए तैयारी: ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF) के खतरे वाली जगहों की पहचान की गई है ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।

वैश्विक स्तर पर उठाए गए कदम:

  • यूनेस्को और WMO की पहल: वर्ष 2025 को “अंतर्राष्ट्रीय ग्लेशियर संरक्षण वर्ष” और 2025-2034 को “क्रायोस्फेरिक साइंसेज के लिए कार्रवाई का दशक” घोषित किया गया है।
  • पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौता: इस समझौते का मुख्य लक्ष्य वैश्विक तापमान वृद्धि को पूर्व-औद्योगिक स्तरों की तुलना में 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के प्रयास करना है। 
  • इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (ICIMOD): यह एक अंतर-सरकारी संस्था है। इसका उद्देश्य हिंदू कुश हिमालय को संरक्षित रखने के लिए प्रयास करना है। 
  • Tags :
  • ग्लेशियर
  • हिंदू कुश हिमालय
  • ग्लेशियर संरक्षण
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