भारत की राष्ट्रीय कंप्यूटिंग क्षमता 34,000 GPU को पार कर गई है | Current Affairs | Vision IAS
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भारत की राष्ट्रीय कंप्यूटिंग क्षमता 34,000 GPU को पार कर गई है

Posted 02 Jun 2025

12 min read

इस उपलब्धि से भारत के इंडियाAI मिशन को बल मिला है। इंडियाAI मिशन के तहत विकसित की जा रही विस्तारित कंप्यूटिंग क्षमता साझा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करेगी, जो प्रशिक्षण और इनफरेंस के लिए आवश्यक है। यह भारत की दृष्टि से उपयुक्त स्वदेशी फाउंडेशन मॉडल विकसित करने के लिए अहम है। 

इंडियाAI मिशन के बारे में

  • शुरुआत: इस मिशन की शुरुआत 2024 में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा की गई थी।
  • उद्देश्य: इस मिशन के निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
    • कंप्यूटिंग संसाधनों तक सबकी पहुंच सुनिश्चित करना, 
    • डेटा की गुणवत्ता में सुधार करना, और 
    • स्वदेशी AI क्षमताओं का विकास करके इनोवेशन को प्रोत्साहित करना। 
  • कार्यान्वयन एजेंसी: MeitY के तहत IndiaAI नामक संस्था।   
  • इंडिया AI मिशन के 7 स्तम्भ (पिलर्स) निम्नलिखित हैं:
    • इंडियाAI कंप्यूट: पहले से मौजूद 18,417 सूचीबद्ध ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPUs) के अतिरिक्त हाल ही में 15,916 GPUs को जोड़ा गया है।
    • इंडियाAI इनोवेशन सेंटर: स्वास्थ्य-देखभाल, कृषि और संधारणीय शहरों के लिए नई दिल्ली में तीन AI उत्कृष्टता केंद्र (Centres of Excellence) की स्थापना की गई है। 
    • इंडियाAI डेटासेट प्लेटफ़ॉर्म: ‘AI कोष’ पर अब तक 367 डेटासेट अपलोड किए जा चुके हैं।
    • इंडियाAI एप्लीकेशन डेवलपमेंट पहल: इसके तहत सर्वम-1 AI मॉडल नामक लार्ज लैंग्वेज मॉडल को भारतीय भाषाओं के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
    • इंडियाAI स्टार्टअप फाइनेंसिंग: भारत ने स्वदेशी फाउंडेशन मॉडल के विकास के लिए तीन नए स्टार्टअप का चयन किया है।
    • इंडियाAI फ्यूचर स्किल्स
    • सुरक्षित एवं विश्वसनीय AI 

AI मॉडल के विकास में चुनौतियां

  • कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना के लिए बड़ी मात्रा में निवेश की आवश्यकता पड़ती है।
  • लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) विकसित करने पर अधिक ध्यान देने से AI अनुसंधान की अन्य संभावना वाले क्षेत्रों की उपेक्षा हो सकती है।
  • पहले के AI मॉडल्स के सामान ही नए AI मॉडल में भी सुरक्षा, पारदर्शिता, और पूर्वाग्रह परिणाम देने से जुड़ी चिंताएं मौजूद हैं।
  • उच्च मात्रा में कार्बन उत्सर्जन: AI मॉडल्स के विकास और संचालन में अत्यधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में वृद्धि होती है। इसी कारण पेरिस जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में ऊर्जा-कुशल कंप्यूटिंग AI प्रणालियों के विकास पर विशेष बल दिया गया।

निष्कर्ष: इस समय की सबसे बड़ी आवश्यकता नैतिक और जवाबदेह AI विकास को बढ़ावा देना है। इसके लिए सरकार द्वारा वित्तपोषित AI सेफ्टी संस्थानों की स्थापना की जा सकती है। 

  • Tags :
  • इंडियाAI मिशन
  • लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM)
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