भारत को 2026-28 कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) का सदस्य चुना गया | Current Affairs | Vision IAS
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भारत को 2026-28 कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) का सदस्य चुना गया

Posted 05 Jun 2025

13 min read

ECOSOC की सदस्यता 5 क्षेत्रीय समूहों को समान भौगोलिक प्रतिनिधित्व के आधार पर आवंटित की जाती है। ये क्षेत्रीय समूह हैं- अफ्रीका, एशिया-प्रशांत, पूर्वी यूरोपीय, लैटिन अमेरिकी और कैरिबियन, तथा पश्चिमी यूरोपीय एवं अन्य देश।

  • भारत को एशिया-प्रशांत देशों की श्रेणी में लेबनान, तुर्कमेनिस्तान व चीन के साथ चुना गया है। एशिया-प्रशांत देशों को चार सदस्यता आवंटित की गई है।  

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) के  बारे में

  • मुख्यालय: न्यूयॉर्क (संयुक्त राज्य अमेरिका)।
  • स्थापना: संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत ECOSOC की स्थापना 1945 में संयुक्त राष्ट्र के छह मुख्य अंगों में से एक के रूप में की गई थी।
  • प्रकृति: यह वैश्विक सामाजिक और आर्थिक मामलों पर विचार-विमर्श, नवाचार, सहमति बनाने तथा समन्वय का प्रमुख मंच है।
  • सदस्य संख्या: इसमें कुल 54 सदस्य होते हैं। इनमें से प्रत्येक वर्ष 18 सदस्यों को महासभा द्वारा तीन वर्ष की अवधि के लिए चुना जाता है। प्रत्येक सदस्य के पास एक वोट होता है। 

ECOSOC के कार्य

  • समन्वय: यह परिषद संयुक्त राष्ट्र की 14 विशेष एजेंसियों, 10 कार्यात्मक आयोगों और 5 क्षेत्रीय आयोगों के कार्यों का समन्वय करती है।
  • नीतिगत सिफारिशें: यह 9 संयुक्त राष्ट्र निधियों और कार्यक्रमों से रिपोर्ट प्राप्त करती है तथा संयुक्त राष्ट्र प्रणाली और सदस्य देशों को नीतिगत सिफारिशें जारी करती है।
  • संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत, ECOSOC निम्नलिखित के लिए जिम्मेदार है:
    • जीवन स्तर ऊंचा करने, पूर्ण रोजगार और सामाजिक-आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए; 
    • अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान की पहचान करने के लिए; 
    • अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक और शैक्षिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए;
    • मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रताओं के प्रति सभी जगह सम्मान को प्रोत्साहित करने के लिए आदि।  

ECOSOC के प्रमुख आयोग:

  • सांख्यिकीय आयोग: 1946 में स्थापित यह आयोग वैश्विक सांख्यिकीय प्रणाली की सर्वोच्च संस्था है।
  • जनसंख्या और विकास आयोग: यह जनसंख्या और विकास पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के कार्यक्रम के कार्यान्वयन में अलग-अलग कार्यवाहियों में प्राथमिक भूमिका निभाती है।
  • महिलाओं की स्थिति पर आयोग: यह लैंगिक समानता, महिलाओं के अधिकारों और सशक्तीकरण के लिए समर्पित प्रमुख संस्था है।
  • नारकोटिक ड्रग्स पर आयोग: यह विश्व में नशीली दवाओं की समस्याओं का विश्लेषण करती है। यह नशीली दवाओं की आपूर्ति और मांग, दोनों में कमी करने के लिए प्रयास करती है।
  • अन्य संस्थाएं: सामाजिक विकास आयोग, सतत विकास आयोग, संयुक्त राष्ट्र वन मंच, अपराध रोकथाम और आपराधिक न्याय आयोग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास आयोग आदि। 
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