बर्लिन में आयोजित इस उच्च-स्तरीय मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र के 74 सदस्य देशों ने विशेष प्रतिबद्धताएं प्रकट की। इनमें एयरलिफ्ट और त्वरित तैनाती की क्षमताएं; विशेष प्रशिक्षण; तकनीकी सुधार और महिला, शांति एवं सुरक्षा एजेंडे को आगे बढ़ाना शामिल है।
- भारत ने एक त्वरित प्रतिक्रिया बल (QRF) कंपनी, एक महिला-नेतृत्व वाली पुलिस इकाई, एक SWAT पुलिस इकाई और शांति स्थापना प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण एवं भागीदारी की घोषणा की है।
- यह बैठक 2015 न्यूयॉर्क शांति स्थापना सम्मेलन की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित हुई थी।
- सम्मेलन में शांति स्थापना अभियानों को आधुनिक बनाने, प्रदर्शन में सुधार करने तथा त्वरित तैनाती सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। साथ ही, शांति स्थापना प्रभावशीलता को बढ़ावा देने के लिए साझा जिम्मेदारी और मजबूत क्षेत्रीय साझेदारी को रेखांकित किया गया था।
संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में भारत का योगदान
- सबसे अधिक सैन्य योगदान: भारत अब तक 2,90,000 से अधिक शांति रक्षकों को 50 से अधिक संयुक्त राष्ट्र (UN) मिशनों में भेज चुका है।
- वर्तमान में भारत नेपाल, रवांडा और बांग्लादेश के बाद 5,375 कर्मियों के साथ चौथा सबसे बड़ा सैनिक-प्रदाता देश है।
- ऐतिहासिक मिशनों में योगदान: भारत ने कोरियाई युद्ध के युद्धविराम और साइप्रस, कांगो जैसे मिशनों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- महिलाओं के लिए रोल मॉडल: भारत पहला देश बना जिसने 2007 में लाइबेरिया में पूरी तरह से महिला सैन्य कर्मियों से युक्त टुकड़ी भेजी थी।
- शांति स्थापना सम्मान: 2023 में भारत को संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च शांति स्थापना सम्मान डेग हैमरशॉल्ड पदक मरणोपरांत भारतीय शांतिरक्षकों को प्रदान किया गया था।
संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना (Peacekeeping) के बारे में
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