केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घोषणा की है कि भारत में अगली जनगणना दो चरणों में की जाएगी। यह कार्य 1 मार्च, 2027 तक पूरा हो जाएगा। भारत में वर्ष 2011 के बाद पहली बार जनगणना कराई जाएगी।
- 2011 के बाद जनगणना कार्य 2020-2021 में होना था, लेकिन कोविड महामारी के कारण इसमें देरी हुई।
जनगणना 2027: मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- अधिसूचना: जनगणना 2027 संचालन की अधिसूचना जनगणना अधिनियम, 1948 की धारा 3 के तहत राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी।
- जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाएगी:
- चरण I - हाउस लिस्टिंग (मकानों की सूची): सभी स्थायी या अस्थायी भवनों का विवरण उनके प्रकार, सुविधाओं और परिसंपत्तियों के आधार पर दर्ज किया जाएगा।
- चरण II - जनसंख्या की गणना: देश में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति, चाहे वह भारतीय नागरिक हो या न हो की विस्तृत जानकारी उसकी जाति के साथ दर्ज की जाएगी।
- संदर्भ तिथियां: वे तिथियां जिनके अनुसार जनगणना 2027 के लिए जनसंख्या संबंधी आंकड़े एकत्रित किए जाएंगे।
- लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए: 1 अक्टूबर 2026; तथा
- शेष भारत के लिए: 1 मार्च 2027.
- जातिगत गणना: 1931 के बाद यह पहली बार होगा, जब जाति से संबंधित आधिकारिक डेटा एकत्र किए जाएंगे।
- डिजिटल जनगणना: यह भारत की पहली डिजिटल जनगणना होगी।
भारत में जनगणना
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