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नीति आयोग ने ‘200 बिलियन डॉलर इलेक्ट्रिक वाहन अवसर रिपोर्ट’ और ‘इंडिया इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इंडेक्स’ जारी किया | Current Affairs | Vision IAS
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नीति आयोग ने ‘200 बिलियन डॉलर इलेक्ट्रिक वाहन अवसर रिपोर्ट’ और ‘इंडिया इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इंडेक्स’ जारी किया

Posted 05 Aug 2025

1 min read

यह रिपोर्ट इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनाने को तेज करने के लिए मौजूदा चुनौतियों का व्यापक आकलन और रणनीतिक सिफारिशों को प्रस्तुत करती है।

रिपोर्ट में रेखांकित की गई मुख्य चुनौतियां

  • वित्त-पोषण: इलेक्ट्रिक बस और ट्रक जैसे बड़े इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लोन लेना एक बड़ी चुनौती है।
  • चार्जिंग सुविधाएं: चार्जिंग स्टेशन पर्याप्त नहीं हैं और जो मौजूद हैं, उनका भी कम उपयोग होता है।
  • जागरूकता: जनता और निजी हितधारकों दोनों को इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रदर्शन एवं लाभों के बारे में पूरी जानकारी नहीं है।
  • डेटा एवं विनियमन: अपर्याप्त डेटा और स्पष्ट नियमों की कमी के कारण साक्ष्य आधारित निर्णय लेने में कठिनाई होती है।

रिपोर्ट की प्रमुख सिफ़ारिशें

  • प्रोत्साहनों की बजाये नियमों पर बल देना: तय समय सीमा में शून्य उत्सर्जन वाले वाहनों को अपनाना जरूरी करना चाहिए; पेट्रोल-डीजल वाहनों को हतोत्साहित करना चाहिए और कॉरपोरेट औसत ईंधन दक्षता (CAFE É) मानकों को बढ़ाना चाहिए।
  • वित्तीय समाधान: इलेक्ट्रिक बसों और ट्रकों की खरीद के लिए वहनीय ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराना चाहिए। साथ ही, बैटरी लीजिंग और वाहन लीजिंग विकल्पों पर विचार करना चाहिए, ताकि भारी लागत को मासिक खर्च में बदला जा सके।
  • कुछ क्षेत्रों में पूर्ण ध्यान: चुनिंदा शहरों में 100% इलेक्ट्रिक परिवहन प्रणाली लागू कर उसे अन्य शहरों में विस्तार देना चाहिए।
  • अन्य उपाय: अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना चाहिए, रणनीतिक चार्जिंग हब स्थानों की पहचान करनी चाहिए और निजी चार्जिंग स्टेशन ऑपरेटरों को प्रोत्साहित करना चाहिए।

इंडिया इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इंडेक्स (IEMI) के बारे में

  • यह नीति आयोग द्वारा वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट इंडिया के सहयोग से विकसित एक अग्रणी टूल है, जो राज्यों में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की प्रगति का आकलन करता है।
  • यह इंडेक्स तीन मुख्य थीम्स में 16 संकेतकों के आधार पर राज्यों का मूल्यांकन करता है। प्रत्येक थीम का एक निश्चित भारांश होता है, और कुल अंक 100 में से दिए जाते हैं:
    • परिवहन विद्युतीकरण प्रगति (50% भारांश): यह EV अपनाने की मांग पर केंद्रित है।
    • चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की तैयारी (30% भारांश): चार्जिंग अवसंरचनाओं के विकास का मूल्यांकन करता है।
    • EV अनुसंधान और नवाचार की स्थिति (20% भारांश)।
  • Tags :
  • NITI Aaayog
  • IMEI
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