यह रिपोर्ट इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनाने को तेज करने के लिए मौजूदा चुनौतियों का व्यापक आकलन और रणनीतिक सिफारिशों को प्रस्तुत करती है।
रिपोर्ट में रेखांकित की गई मुख्य चुनौतियां
- वित्त-पोषण: इलेक्ट्रिक बस और ट्रक जैसे बड़े इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लोन लेना एक बड़ी चुनौती है।
- चार्जिंग सुविधाएं: चार्जिंग स्टेशन पर्याप्त नहीं हैं और जो मौजूद हैं, उनका भी कम उपयोग होता है।
- जागरूकता: जनता और निजी हितधारकों दोनों को इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रदर्शन एवं लाभों के बारे में पूरी जानकारी नहीं है।
- डेटा एवं विनियमन: अपर्याप्त डेटा और स्पष्ट नियमों की कमी के कारण साक्ष्य आधारित निर्णय लेने में कठिनाई होती है।
रिपोर्ट की प्रमुख सिफ़ारिशें
- प्रोत्साहनों की बजाये नियमों पर बल देना: तय समय सीमा में शून्य उत्सर्जन वाले वाहनों को अपनाना जरूरी करना चाहिए; पेट्रोल-डीजल वाहनों को हतोत्साहित करना चाहिए और कॉरपोरेट औसत ईंधन दक्षता (CAFE É) मानकों को बढ़ाना चाहिए।
- वित्तीय समाधान: इलेक्ट्रिक बसों और ट्रकों की खरीद के लिए वहनीय ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराना चाहिए। साथ ही, बैटरी लीजिंग और वाहन लीजिंग विकल्पों पर विचार करना चाहिए, ताकि भारी लागत को मासिक खर्च में बदला जा सके।
- कुछ क्षेत्रों में पूर्ण ध्यान: चुनिंदा शहरों में 100% इलेक्ट्रिक परिवहन प्रणाली लागू कर उसे अन्य शहरों में विस्तार देना चाहिए।
- अन्य उपाय: अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना चाहिए, रणनीतिक चार्जिंग हब स्थानों की पहचान करनी चाहिए और निजी चार्जिंग स्टेशन ऑपरेटरों को प्रोत्साहित करना चाहिए।
इंडिया इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इंडेक्स (IEMI) के बारे में
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