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सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड्स पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति आरोपित कर सकते हैं | Current Affairs | Vision IAS
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सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड्स पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति आरोपित कर सकते हैं

Posted 05 Aug 2025

1 min read

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति बनाम लोधी प्रॉपर्टी कंपनी लिमिटेड मामले में यह निर्णय सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया है, जिसमें कहा गया था कि केवल अदालतें ही पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति आरोपित कर सकती हैं।

  • पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एक नीतिगत तरीका है, जो ‘प्रदूषणकर्ता द्वारा भुगतान सिद्धांत' पर काम करता है।

SC के निर्णय के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर:

  • कानूनी अधिकार: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड्स (PCBs) के पास जल अधिनियम, 1974 की धारा 33A और वायु अधिनियम, 1981 की धारा 31A के तहत पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति आरोपित करने का अधिकार है।
  • प्रदूषणकर्ता द्वारा भुगतान सिद्धांत: PCBs इन अधिनियमों के तहत प्रत्येक उल्लंघन पर दंड नहीं लगा सकते, बल्कि केवल तभी दंड लगा सकते हैं, जब किसी संस्था ने वास्तव में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया हो।
    • इंडियन काउंसिल फॉर एनवायरनमेंट-लीगल एक्शन बनाम भारत सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब प्रदूषणकर्ता द्वारा भुगतान सिद्धांत लागू हो, तो पर्यावरणीय क्षति की भरपाई जिम्मेदार उद्योग द्वारा ही की जानी चाहिए।
  • कार्रवाई का उचित तरीका: बोर्ड्स यह तय कर सकते हैं कि प्रदूषणकर्ता पर केवल जुर्माना लगाना है या तत्काल पर्यावरण की क्षति की भरपाई (पुनर्स्थापना) करानी है, या दोनों तरह के दंड लगाने हैं।
    • वेल्लोर सिटिजन्स वेलफेयर फोरम बनाम भारत सरकार (1996) के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने माना कि पर्यावरणीय क्षति की जिम्मेदारी में क्षतिपूर्ति और सुधार, दोनों शामिल होते हैं।
  • रोकथाम की उपाय: विनियामक नुकसान होने से पहले ही निवारक या पूर्व-उपाय किए जा सकते हैं।

भारत में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCBs)

  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB):
    • यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत आने वाला एक सरकारी संगठन है।
    • इसकी स्थापना जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के तहत की गई थी।
      • बाद में इसे वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत भी अधिकार दिए गए।
    • मुख्य कार्य: वायु और जल प्रदूषण को रोकना तथा इस संबंध में केंद्र सरकार को सलाह देना।
  • राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (SPCBs):
    • इनकी स्थापना भी उपर्युक्त अधिनियमों के तहत की गई है। 
    • इनका मुख्य कार्य CPCB के साथ मिलकर अपने-अपने राज्य में पर्यावरण से जुड़े कानूनों और नियमों को लागू करना है।
  • Tags :
  • Environmental Compensation
  • Pollution Control Boards
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