क्रिल (Krill)
क्रिल प्रजाति मत्स्यन, जलवायु परिवर्तन और मछली आहार, पालतू पशु आहार तथा मानव सप्लीमेंट में उपयोग होने वाले इसके ओमेगा-3 तेल की बढ़ती मांग के कारण बढ़ते दबाव को झेल रही है।
- गौरतलब है कि क्रिल समुद्री खाद्य श्रृंखलाओं के लिए महत्वपूर्ण प्रजाति है।
क्रिल के बारे में
- प्रजातियाँ: ये लघु आकार की और पेलाजिक (खुले समुद्र) क्रस्टेशियन प्रजाति हैं। ये मुख्य रूप से अंटार्कटिक महासागर, उत्तरी अटलांटिक और उत्तरी प्रशांत में पाई जाती हैं।
- पारिस्थितिकी तंत्र में भूमिका: यह अंटार्कटिक पारिस्थितिकी तंत्र की कीस्टोन प्रजाति है। इनका आहार प्लवक (प्लैंकटन) हैं। वहीं व्हेल, सील, स्क्विड और समुद्री पक्षियों के लिए क्रिल आहार के प्राथमिक स्रोत हैं।
- व्यवहार: ये बड़े-बड़े झुंडों में यात्रा करती हैं।
- एक अध्ययन में पाया गया कि क्रिल प्रजाति हर साल वायुमंडल से 20 मिलियन टन कार्बन को हटाने में भूमिका निभाती हैं।
- Tags :
- Biodiversity
- Keystone Species
- Carbon Removal
- Antarctic
नीलगिरि तहर
केरल और तमिलनाडु द्वारा आयोजित संयुक्त गणना के अनुसार नीलगिरि तहर की कुल संख्या 2,668 है।
नीलगिरि तहर के बारे में
- नीलगिरि तहर दक्षिण भारत में प्राप्त होने वाला “खुर वाला एकमात्र पर्वतीय जानवर (Mountain ungulate)’ है। गौरतलब है कि भारत में ‘खुर वाले पर्वतीय जानवरों’ की 12 प्रजातियां प्राप्त होती हैं।
- यह तमिलनाडु का राज्य पशु (स्टेट एनिमल) भी है।
- यह पश्चिमी घाट (तमिलनाडु और केरल) की स्थानिक प्रजाति है।
- इसकी सर्वाधिक संख्या एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान में प्राप्त होती है।
- संरक्षण की स्थिति:
- IUCN लाल सूची: एनडेंजर्ड।
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची-1 में सूचीबद्ध।
- संरक्षण पहलें:
- प्रोजेक्ट नीलगिरि तहर: तमिलनाडु राज्य सरकार द्वारा 2023 में लॉन्च किया गया।
- नीलगिरि तहर दिवस: 7 अक्टूबर को मनाया जाता है।
- खतरे: बागानों, अवसंरचना के विकास और भूमि उपयोग में परिवर्तन के कारण इनके पर्यावास को नुकसान पहुंच रहा है।
- Tags :
- Western Ghats
- Kerala
- Tamil Nadu
- Nilgiri Tahr
सी-बकथॉर्न
लद्दाख के शीत मरुस्थल (कोल्ड डेजर्ट) में उगाए जाने वाले सी-बकथॉर्न और कुट्टू (बकव्हीट) के बीज, नासा के क्रू-11 मिशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर किए जा रहे प्रयोगों का हिस्सा हैं।
सी बकथॉर्न के बारे में
- यह पर्णपाती झाड़ी/वृक्ष है। यह मृदा की गुणवत्ता सुधारने, पवन गति और रेत के नियंत्रण तथा जल व मृदा संरक्षण में सहायक एक प्रमुख प्रजाति है।
- यह अधिक ऊंचाई वाले ठंडे क्षेत्रों में अच्छी तरह से उग सकता है।
- उच्च पोषण मूल्य: इसके फल (बेरी) में विटामिन, कैरोटीनॉयड, पॉलीफेनॉल, फैटी एसिड और फाइटोस्टेरोल प्रचुर मात्रा में प्राप्त होते हैं।
- स्वास्थ्य के लिए उपयोगी: इसकी बेरी में एंटीऑक्सीडेंट, कैंसर-रोधी, सूजन-रोधी गुण प्राप्त होते हैं जिसकी वजह से इसका उपयोग दवाओं के निर्माण और रोगों के इलाज में किया जाता है।
- Tags :
- International Space Station
- Sea Buckthorn
संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP)
भारत ने संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के सहयोग से नेपाल में राइस फोर्टिफिकेशन और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन को मजबूत करने के लिए एक नया सहयोगात्मक पहल शुरू की।
संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के बारे में
- यह दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय सहायता प्रदाता संगठन है। यह लोगों का जीवन बचाने तथा उन्हें संघर्षों, आपदाओं और जलवायु आपदाओं से उबरने में मदद करने के लिए खाद्य सहायता प्रदान करता है।
- मुख्यालय: रोम (इटली)।
- स्थापना: 1961 में संयुक्त राष्ट्र महासभा और खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के संयुक्त प्रयासों से स्थापित हुई।
- वित्त-पोषण: इसे राष्ट्रीय सरकारों, कंपनियों और निजी दानदाताओं से स्वैच्छिक वित्तीय योगदान प्राप्त होता है।
- सम्मान : इसे 2020 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- Tags :
- Food and Agriculture Organization
- World Food Programme
पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (EIA)
वनशक्ति बनाम भारत संघ मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा दिया गया वह छूट प्रावधान रद्द कर दिया, जिसमें औद्योगिक शेड, स्कूल, कॉलेज और हॉस्टल को पर्यावरण अनुकूल उपाय अपनाने पर पर्यावरणीय मंजूरी लेने से उन्मुक्ति प्रदान की गई थी।
- शीर्ष न्यायालय ने कहा कि 20,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाली सभी निर्माण परियोजनाएं पर्यावरण को प्रभावित करती हैं और उन्हें पर्यावरणीय प्रभाव आकलन अधिसूचना, 2006 के तहत पर्यावरणीय मंजूरी लेना अनिवार्य है।
पर्यावरणीय प्रभाव आकलन अधिसूचना, 2006 के बारे में
- 20,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाली सभी प्रस्तावित निर्माण परियोजनाओं को कार्य शुरू करने से पहले पर्यावरणीय मंजूरी लेना अनिवार्य है।
- परियोजनाओं को इस प्रकार वर्गीकृत किया गया है:
- श्रेणी A: जिनकी मंजूरी केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है।
- श्रेणी B: जिनकी मंजूरी राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (SEIAA) द्वारा दी जाती है।
- Tags :
- EIA
- Environmental Clearance
- Vanashakti v. Union of India,
- SEIAA
राष्ट्रपति शासन
संसद ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि छह महीने के लिए बढ़ा दी।
राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356) के बारे में
- यह तब लागू किया जाता है जब राष्ट्रपति को यह विश्वास हो जाए कि राज्य सरकार संविधान के अनुसार कार्य नहीं कर पा रही है। यह निर्णय राज्यपाल की रिपोर्ट या किसी अन्य आधार पर लिया जा सकता है।
- प्रभाव:
- राष्ट्रपति राज्य सरकार के सभी कार्यों; राज्यपाल या राज्य विधानमंडल के अलावा राज्य में किसी प्राधिकरण द्वारा प्रयोग की जाने वाली शक्तियों (उच्च न्यायालय की शक्तियों को छोड़कर) को अपने हाथ में ले सकते हैं।
- राष्ट्रपति घोषणा कर सकते हैं कि राज्य-विधानमंडल की शक्तियों का प्रयोग अब संसद करेगी।
- अवधि :
- राष्ट्रपति शासन को किसी नई उद्घोषणा के द्वारा हटाया या परिवर्तित किया जा सकता है।
- इसे अधिकतम 3 साल तक लागू किया जा सकता है, लेकिन हर 6 महीने में संसद द्वारा अनुमोदन जरूरी है।
- उद्देश्य: राष्ट्रपति शासन संबंधी प्रावधान के दुरुपयोग को रोकने के लिए संविधान में प्रावधान किए गए हैं।
- Tags :
- Emergency
अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटों का आरक्षण
लोक-सभा ने गोवा विधानसभा में अनुसूचित जातियों को आरक्षण प्रदान करने के लिए एक विधेयक पारित किया।
अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटों का आरक्षण
- अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण: संविधान का अनुच्छेद 332 सभी राज्यों की विधानसभाओं में अनुसूचित जातियों और (असम के स्वशासी जिलों की अनुसूचित जनजातियों को छोड़कर) अन्य सभी अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटों का आरक्षण अनिवार्य करता है।
- असम के लिए विशेष प्रावधान: विधानसभा में स्वशासी जिलों के लिए सीटें आरक्षित होंगी।
- आनुपातिक प्रतिनिधित्व: आरक्षित सीटें राज्य में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या के अनुपात में होनी चाहिए।
- Tags :
- Reservation
- Article 332
‘आवश्यकता की स्वीकृति’ (Acceptance of Necessity)
भारत सरकार की रक्षा खरीद परिषद (DAC) ने लगभग 67,000 करोड़ रुपये मूल्य की रक्षा खरीद योजनाओं वाली “आवश्यकता की स्वीकृति (AoN)” प्रस्ताव को मंजूरी दी।
- रक्षा खरीद परिषद की अध्यक्षता रक्षा मंत्री करते हैं। यह रक्षा मंत्रालय में नई नीतियों के निर्माण और रक्षा से जुड़ी पूंजीगत खरीद पर निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है।
‘आवश्यकता की स्वीकृति (AoN)’ के बारे में
- यह रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (DAP), 2020 के तहत सैन्य उपकरण खरीदने की दिशा में पहला कदम है।
- प्रमुख प्रौद्योगिकियां जिन्हें AoN प्रदान की गई:
- BMP के लिए थर्मल इमेजर-आधारित ड्राइवर नाइट साइट, जिससे रात्रिकालीन आवाजाही और युद्ध तैयारी में सुधार होगा।
- समुद्र के अंदर के खतरों का पता लगाने और उन्हें बेअसर करने के लिए कॉम्पैक्ट ऑटोनॉमस सरफेस क्राफ्ट।
- ‘सक्षम’/‘स्पाइडर’ वायु रक्षा प्रणालियों को अपग्रेड करना, ताकि उन्हें एकीकृत वायु कमान एवं नियंत्रण प्रणाली के साथ बेहतर तरीके से जोड़ा जा सके।
- Tags :
- Defence Acquisition Council
- Defence Procurement
- Acceptance of Necessity (AoN)