भारत और फिलीपींस ने राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने पर अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया है, जो दोनों देशों के मध्य बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
- हस्ताक्षर किए गए अन्य प्रमुख समझौतों में शामिल हैं-
- “पारस्परिक कानूनी सहायता एवं सजायाफ्ता व्यक्तियों का हस्तांतरण” तथा
- “विज्ञान, अंतरिक्ष और पर्यटन में सहयोग।”
- भारत ने फिलीपींस के सॉवरेन डेटा क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक पायलट परियोजना का समर्थन करने की घोषणा की।
- फिलीपींस को सूचना संलयन केंद्र-हिंद महासागर क्षेत्र (IFC-IOR) में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया।
भारत-फिलीपींस संबंध के प्रमुख आयाम
- रक्षा सहयोग: फिलीपींस ब्रह्मोस मिसाइल का पहला विदेशी खरीदार देश है।
- नौसैन्य सहयोग बढ़ाने के लिए 2024 में मनीला में पहला ट्रैक-1 समुद्री संवाद आयोजित किया गया था।
- आर्थिक जुड़ाव: दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 तक 3.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था। साथ ही, दोनों के मध्य अधिमान्य व्यापार समझौते (PTA) पर वार्ता जारी है।
- दोनों देश आसियान-भारत मुक्त व्यापार समझौते का भी लाभ उठा रहे हैं।
- क्षमता निर्माण एवं शिक्षा: फिलीपींस, भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग (ITEC) के प्रमुख लाभार्थी देशों में से एक है।
- लोगों के बीच जुड़ाव: सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम को 2019-2023 तक के लिए बढ़ाया गया था। फिलीपींस में 70,000 से अधिक भारतीय प्रवासी रहते हैं।
भारत-फिलीपींस के बढ़ते रणनीतिक संबंधों का महत्त्व
- साझा हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण: हिंद-प्रशांत विश्व का सबसे तेजी से बढ़ता आर्थिक क्षेत्र है, लेकिन यह बढ़ते तनाव और अस्थिरता से भी ग्रस्त है।
- दोनों देश एक स्वतंत्र, खुले और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करते हैं। फिलीपींस भारत के MAHASGAR विज़न में एक प्रमुख भागीदार है।
- "महासागर/ MAHASAGAR” यानी "क्षेत्रों में सुरक्षा एवं विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति।”
- दोनों देश एक स्वतंत्र, खुले और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करते हैं। फिलीपींस भारत के MAHASGAR विज़न में एक प्रमुख भागीदार है।
- चीन के आक्रामक रुख से निपटना: 2016 के आर्बिट्रेशन के फैसले ने दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस के अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की पुष्टि की थी और संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून अभिसमय (UNCLOS) के तहत चीन के "ऐतिहासिक अधिकारों" के दावे को खारिज कर दिया था।
- भारत के साथ रणनीतिक संबंध फिलीपींस को एक विश्वसनीय संतुलनकारी साझेदारी प्रदान करते हैं।
- बहुपक्षीय संस्थाओं को नया स्वरूप देना: दोनों देशों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन, तकनीकी रूपांतरण, असमानता और सामाजिक न्याय सहित 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए मौजूदा वैश्विक गवर्नेंस प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है।
जैसा कि भारतीय प्रधान मंत्री कहते हैं, "भारत और फिलीपींस अपनी पसंद से मित्र हैं और नियति से साझेदार हैं। हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर तक दोनों देश साझा मूल्यों से जुड़े हुए हैं।"