ब्लू पिंकगिल और शटलकॉक मशरूम
हाल ही में तेलंगाना के वनों में दुर्लभ ब्लू पिंकगिल और शटलकॉक मशरूम प्रजातियां दर्ज की गई हैं।
नई खोजी गई प्रजातियों के बारे में
- ब्लू पिंकगिल मशरूम:
- यह न्यूजीलैंड की स्थानिक प्रजाति है।
- इसका यह रंग एजुलीन नामक रंजक के कारण है जो कवकों में तो दुर्लभ होता है लेकिन कुछ फूलों और पौधों में आम है। यह रंजक इसे लगभग असामान्य और विशिष्ट रंग प्रदान करता है।
- इसे तेलंगाना के कदंबा रिजर्व फॉरेस्ट और कागजनगर वन प्रभाग के अन्य क्षेत्रों में देखा गया, जो मानसून के दौरान कवक (fungal) विविधता के लिए विख्यात है।
- शटलकॉक मशरूम
- इसे कवाल टाइगर रिजर्व में देखा गया है।
- इसे पूर्वी घाट में पहली बार दर्ज किया गया है। इससे पहले इसे पश्चिमी घाट और पश्चिमी भारत में भी दर्ज किया गया था।
- इसकी क्रिसक्रॉस लैटिस संरचना, बीजाणुओं को प्रभावी तरीके से हवा में छोड़ने में मदद करती है।
- Tags :
- Blue Pinkgill Mushroom
- Shuttlecock Mushroom
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT)
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने NGT में 2 न्यायिक सदस्य और 4 विशेषज्ञ सदस्य नियुक्त करने का आदेश जारी किया। वर्तमान में इस ट्रिब्यूनल में कई पद रिक्त हैं।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के बारे में
- मुख्यालय: नई दिल्ली
- स्थापना: इसे पर्यावरण से जुड़े मामलों पर निर्णय देने के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010 के तहत स्थापित किया गया।
- शक्तियां: इसे सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के तहत सिविल कोर्ट की शक्तियां प्राप्त हैं।
- हालाँकि यह न्याय निर्णय के मामले में सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 या भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 से बंधा हुआ नहीं है। दरअसल यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करता है।
- सदस्य: इसके सदस्य 5 वर्ष के लिए नियुक्त किए जाते हैं। वे पुनर्नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होते हैं।
- अध्यक्ष की पात्रता: सुप्रीम कोर्ट के (वर्तमान या पूर्व) न्यायाधीश या हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश।
- Tags :
- NGT
- National Green Tribunal
परपेचुअल टोलिंग
लोक लेखा समिति ने वर्तमान "परपेचुअल टोलिंग" प्रणाली की आलोचना की है। परपेचुअल टोलिंग का अर्थ है लागत वसूली के बाद भी टोल वसूल करना।
परपेचुअल टोलिंग के बारे में
- शुरुआत: 2008 में नियमों में संशोधन के बाद इसकी शुरुआत हुई। इस संशोधन के तहत परियोजना लागत की वसूली हो जाने के बाद भी टोल वसूली की अनुमति दी गई। 2023 में इस व्यवस्था को औपचारिक रूप दिया गया।
- वर्तमान प्रणाली:
- टोल दरें 2008 में तय की गईं, जिनमें हर साल 3% की वृद्धि की जाती है।
- किसी बिल्ड-ऑपरेट-टोल परियोजना की अनुबंध अवधि समाप्त होने के बाद, NHAI टोल प्लाजा संचालित करता है। इससे अर्जित राजस्व भारत की संचित निधि में जमा किया जाता है।
- प्रस्तावित समाधान
- जब सड़क की मरम्मत की जा रही हो या यह अनुपयुक्त हो गई हो तो स्वतः टोल रिफंड के लिए प्रौद्योगिकी-आधारित व्यवस्था होनी चाहिए।
- लागत वसूली के बाद टोल जारी रखने को उचित ठहराने के लिए स्वतंत्र पर्यवेक्षण प्राधिकरण गठित करना चाहिए।
- टोल के वास्तविक संचालन और सड़क के रखरखाव की लागत का पारदर्शी तरीके से आकलन करना चाहिए।
- Tags :
- Perpetual tolling
नासा का ऑर्बिटिंग कार्बन ऑब्जर्वेटरी (OCO)
अमेरिकी ट्रंप प्रशासन नासा के OCO मिशंस को बंद करने की योजना बना रहा है।
- इन मिशंस के तहत कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर पर नजर रखी जाती हैं और पौधों के स्वास्थ्य की निगरानी की जाती हैं।
- यह वैज्ञानिकों, नीति-निर्माताओं और किसानों के लिए डेटा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
ऑर्बिटिंग कार्बन ऑब्जर्वेटरी मिशंस के बारे में
- लॉन्च: OCO-2 उपग्रह 2014 में प्रक्षेपित हुआ और OCO-3 को 2019 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर एक उपकरण के रूप में स्थापित किया गया।
- प्रौद्योगिकी: ये उपग्रह हबल जैसी तकनीक का उपयोग करते हैं और CO2 के उत्सर्जन पर निगरानी रखने वाली दुनिया की सबसे बेहतरीन तथा सटीक प्रौद्योगिकियां हैं।
महत्त्व
- कार्बन ट्रैकिंग: ये दिखाते हैं कि दुनिया में CO₂ कहां उत्सर्जित और कहां अवशोषित हो रहा है। इनसे निम्नलिखित जानकारियां प्राप्त हुई हैं:
- अमेज़ॅन वर्षावन जितना CO2 अवशोषित करते हैं, उससे ज्यादा उत्सर्जित करते हैं।
- कनाडा और रूस के बोरियल वन तथा पिघलते पर्माफ्रॉस्ट क्षेत्र जितना CO2 उत्सर्जित करते हैं, उससे ज्यादा अवशोषित करते हैं।
- पौधों के स्वास्थ्य की निगरानी: ये प्रकाश संश्लेषण से निकलने वाली "चमक" का पता लगाकर सूखे का अंदाजा लगाते हैं और भोजन की कमी का पूर्वानुमान प्रदान करते हैं।
- Tags :
- NASA
- NASA’s OCO
- Carbon Tracking
सीमा सुरक्षा बल (BSF)
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) की पहली कैडर रिव्यू को मंजूरी प्रदान की है।
- BSF दुनिया का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है।
BSF के बारे में
- गठन: इसका गठन 1965 में गुजरात पर पाकिस्तान के हमले के बाद किया गया था।
- नोडल मंत्रालय: यह केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत गठित एक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है।
- तैनाती:
- यह पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी भारत की सीमाओं की सुरक्षा करता है।
- इसकी कुछ इकाइयां वामपंथी उग्रवाद (LWE) प्रभावित राज्यों में भी तैनात है।
कार्य
- शांति के समय: सीमा-पार से होने वाले अपराधों (जैसे तस्करी) को रोकना, सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा करना।
- युद्ध के समय: सेना के आने तक सीमावर्ती क्षेत्रों को सुरक्षित रखना, हमला होने की स्थिति में भारतीय सेना की सहायता करना, युद्धबंदियों (POWs) की सुरक्षा करना, रसद आपूर्ति की निगरानी करना और सीमा से पीछे के भारतीय क्षेत्रों की रक्षा करना।
- Tags :
- Central Armed Police Force
- Border Security Force (BSF)
प्रोजेक्ट कुशा
ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारतीय वायुसेना प्रोजेक्ट कुशा पर तेजी से कार्य करने की आवश्यकता जताई है।
प्रोजेक्ट कुशा के बारे में
- इसे प्रोग्राम लॉन्ग रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (PGLRSAM) भी कहा जाता है।
- इसे 2022 में 21700 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ मंजूरी दी गई थी।
- यह DRDO के नेतृत्व वाली स्वदेशी पहल है। इसके तहत लंबी दूरी की एयर-डिफेंस मिसाइल प्रणाली विकसित की जानी है।
- चरण 1- इसमें 4 इंटरसेप्टर वेरिएंट का विकास किया जाएगा :
- M1 (रेंज 150 किलोमीटर) , M2 (रेंज 250 किलोमीटर), M3 (रेंज 350-400 किलोमीटर) और नौसेना वेरिएंट (रेंज 200 - 300 किलोमीटर)।
- चरण 2- इसमें 600 किलोमीटर से अधिक रेंज की भी इंटरसेप्टर मिसाइल विकसित की जाएगी।
- Tags :
- DRDO
- Project Kusha
- Program Long Range Surface to Air missile (PGLRSAM)
भारतीय ओलंपिक संघ (IOA)
IOA ने 2030 के कॉमनवेल्थ खेलों की मेज़बानी के लिए भारत की दावेदारी को औपचारिक मंजूरी प्रदान की है।
- कई खेल प्रतिस्पर्धाओं को शामिल करने के मामले में, ओलंपिक के बाद कॉमनवेल्थ विश्व का दूसरा सबसे बड़ा खेल आयोजन है। इसमें 71 देशों और क्षेत्रों के एथलीट भाग लेते हैं।
- पहला कॉमनवेल्थ गेम्स 1930 में कनाडा के हैमिल्टन में आयोजित हुआ था।
भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के बारे में
- स्थापना: इसे 1927 में सर दोराबजी टाटा (संस्थापक अध्यक्ष) और डॉ. ए.जी. नोहरेन (संस्थापक महासचिव) द्वारा स्थापित किया गया। उसी वर्ष, इसे अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा आधिकारिक रूप से मान्यता भी दी गई।
- पंजीकरण: यह सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत स्थापित एक गैर-लाभकारी संगठन है।
- उद्देश्य: भारत में ओलंपिक मूवमेंट का विकास, प्रसार और संरक्षण करना।
- गवर्नेंस: इसे 32 सदस्यीय कार्यकारी परिषद द्वारा प्रबंधित किए जाता है। इसका एक अध्यक्ष भी होता है।
- Tags :
- IOA
- Indian Olympic Association (IOA)
- Sir Dorabji Tata