ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी तट पर सबसे लंबे समय तक चलने वाली, सबसे अधिक क्षेत्रफल पर फैली और सबसे प्रचंड मरीन हीटवेव्स के कारण व्यापक प्रवाल विरंजन हुआ है।
- ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी तट पर स्थित निंगालू रीफ हाल के वर्षों में बड़े पैमाने पर प्रवाल विरंजन से प्रभावित हुई है। यह एक विश्व धरोहर स्थल भी है।
- प्रवाल विरंजन की यह घटना, NOAA द्वारा 2024 में घोषित चौथी व्यापक प्रवाल विरंजन घटना का हिस्सा है।
- इसके अतिरिक्त द ग्रेट बैरियर रीफ में भी चार दशकों में प्रवाल की आबादी में सबसे बड़ी गिरावट आई है। द ग्रेट बैरियर रीफ ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट के समानांतर 2,300 किमी तक फैली दुनिया की सबसे बड़ी प्रवाल प्रणाली है।
प्रवाल के बारे में
- प्रवाल ऐसे सजीव होते हैं, जिनका अपने ऊतकों में रहने वाले सूक्ष्म शैवाल (ज़ूज़ैंथेले) के साथ सहजीवी संबंध होता है। ये सूक्ष्म शैवाल प्रवाल के प्राथमिक भोजन स्रोत के रूप में काम करते हैं और उन्हें रंग प्रदान करते हैं।

प्रवाल विरंजन के बारे में
- प्रवाल विरंजन की घटना तब होती है, जब समुद्री सतह के तापमान (SST) में निरंतर वृद्धि के कारण ज़ूज़ैंथेले अपने पोषक/ होस्ट को छोड़ देता है। इसके परिणामस्वरूप, प्रवाल रंगहीन या सफेद हो जाते हैं, जिसे ‘प्रवाल विरंजन/ कोरल ब्लीचिंग’ के नाम से जाना जाता है।
- इससे प्रवाल के भोजन का प्राथमिक स्रोत समाप्त हो जाता है।
प्रवाल के अस्तित्व के लिए आदर्श दशाएं
- स्वच्छ जल: प्रवाल के स्वास्थ्य के लिए यह जरूरी है कि जल प्रदूषण मुक्त हो, क्योंकि प्रदूषण प्रवाल को नुकसान पहुंचा सकता है या उनके सहजीवी सूक्ष्म शैवाल को सूर्य की रोशनी नहीं मिल पाती है।
- गर्म जल: रीफ का निर्माण करने वाले अधिकांश ठोस प्रवालों हेतु 23° और 29° सेल्सियस के बीच तापमान वाले जलक्षेत्र आदर्श होते हैं।
- स्वस्थ जलीय जीव: पैरेट फिश और कछुए जल के अंदर घास-शैवाल को आहार बनाकर प्रवाल को साफ एवं स्वस्थ बनाए रखते हैं।