यह अधिसूचना ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के तहत जारी की गई है। इसमें वित्त वर्ष 2024-25 से 2029-30 तक के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के उपभोग हेतु साल-दर-साल अनिवार्य लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।
- इसके जरिए सरकार नवीकरणीय ऊर्जा के उपभोग को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा नवीकरणीय खरीद दायित्व (RPO) से RCO प्रणाली की ओर कदम बढ़ा रही है।
नवीकरणीय खरीद दायित्व (RPO) क्या है?
- RPO के तहत, विद्युत वितरण कंपनियों, कैप्टिव विद्युत उत्पादकों और ओपन-एक्सेस उपभोक्ताओं को अपनी कुल विद्युत खरीद का एक निश्चित न्यूनतम प्रतिशत हर साल नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से खरीदना अनिवार्य होता है।
- यह विद्युत अधिनियम, 2003 के तहत अनिवार्य है। सरकार ने RPO को 2022-23 के 24.61% से बढ़ाकर 2029-30 तक 43.33% करने का लक्ष्य रखा है।
- इसका उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से विद्युत खरीद को बढ़ावा देना और नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिए एक मजबूत बाजार स्थापित करना है।
मसौदा RCO फ्रेमवर्क के बारे में
- RCO: जहां RPO नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से विद्युत की वास्तविक खरीद पर केंद्रित है, वहीं RCO नामित उपभोक्ताओं द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से होने वाले वास्तविक उपभोग पर केंद्रित है।
- मसौदा फ्रेमवर्क में विद्युत वितरण लाइसेंस धारकों, ओपन-एक्सेस उपभोक्ताओं और कैप्टिव उपयोगकर्ताओं के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से कुल विद्युत के उपभोग का न्यूनतम हिस्सा तय किया गया है।
- इसमें साल-दर-साल बढ़ोतरी लक्ष्य तय किए गए हैं, जैसे कुल नवीकरणीय ऊर्जा उपभोग 2024-25 में 29.9% और 2029-30 तक बढ़ाकर 43.33% करना।
- यह एक बाध्यकारी दायित्व है। इसके गैर-अनुपालन पर ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) द्वारा दंड आरोपित किया जा सकता है।