भारत का अंतरिक्ष आधारित प्रयोग संबंधी विज़न 'विश्वबन्धु' के रूप में भारत को मानवता के सामूहिक कल्याण में योगदान देने वाले एक वैश्विक साझेदार के रूप में स्थापित करता है।
भारत को ‘विश्वबंधु ' बनाने में अंतरिक्ष क्षेत्रक की भूमिका
- वैश्विक सहयोग: NISAR मिशन को "विश्व के साथ भारत का वैज्ञानिक सहयोग" कहा जाता है। यह डॉकिंग और इंटरऑपरेबिलिटी के लिए वैश्विक मानकों का पालन करते हुए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।
- ओपन डेटा एक्सेस: सभी के लिए डेटा उपलब्ध होने से वैश्विक अनुसंधान को बढ़ावा मिलता है। साथ ही, यह विशेष रूप से विकासशील देशों को सहायता प्रदान करता है।
- वैश्विक चुनौतियों से निपटना: यह आपदा प्रबंधन, कृषि, जलवायु और संबंधित खतरे की निगरानी में सहायता करता है।
- ग्लोबल कॉमन्स: यह भारत को साझा वैज्ञानिक संसाधनों के ज्ञान संबंधी योगदानकर्ता के रूप में स्थापित करता है।
- कूटनीतिक लाभ: यह तकनीक साझाकरण, क्षमता निर्माण और संधारणीय विकास में भारत की भूमिका को बढ़ाता है (जैसे नाविक/ NAVIC)।
- कम लागत पर तकनीकी कौशल: इसरो के कम लागत वाले नवाचार जटिल दीर्घकालिक अंतरिक्ष प्रणालियों को डिजाइन करने और संचालित करने की भारत की क्षमता को प्रदर्शित करते हैं।
भारत की अंतरिक्ष क्षेत्रक से संबंधित प्रमुख पहलें
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