प्रधान मंत्री वनबंधु कल्याण योजना (PRADHAN MANTRI VANBANDHU KALYAN YOJANA)
Posted 26 Dec 2024
Updated 31 Dec 2024
13 min read
सुर्ख़ियों में क्यों?
प्रधान मंत्री वनबंधु कल्याण योजना (PMVKY) के 10 वर्ष पूरे हुए।
उद्देश्य
प्रमुख विशेषताएं
आदिवासी क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना।
आदिवासी लोगों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना।
आदिवासी परिवारों को बेहतर एवं स्थायी रोजगार उपलब्ध कराना।
आदिवासी क्षेत्रों में अवसंरचनात्मक कमियों को दूर करते हुए, गुणवत्ता युक्त बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान देना।
आदिवासी संस्कृति और विरासत का संरक्षण करना।
मंत्रालय: केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय
शुरुआत: 2014
सरकार ने 26135.46 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ 2025-26 तक योजना को जारी रखने को मंजूरी दी है।
इसमें देशभर के सभी जनजातीय लोगों और जनजातीय आबादी वाले सभी क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
PMVKY एक अम्ब्रेला योजना है। इसमें निम्नलिखित घटक शामिल हैं:
प्रधान मंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना: इसके तहत अधिक जनजातीय आबादी वाले 36,428 गांवों के समन्वित ग्राम विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
यह पहल सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल सेवा और स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से संबंधित है।इसका उद्देश्य आदिवासी समुदायों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना है।
विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (Particularly Vulnerable Tribal Groups: PVTGs) का विकास: इसके तहत सबसे कमजोर जनजातीय समूहोंकी सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और उनका सामाजिक-आर्थिक उत्थान करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
यह पहल राज्य सरकारों को आदिवासियों के लिए आवास, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में विकास संबंधी विशेष गतिविधियां चलाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
जनजातीय अनुसंधान संस्थान (Tribal Research Institute:TRI) को सहायता देना: इसका उद्देश्य जनजातीय संस्कृतियों और चुनौतियों से संबंधित ज्ञान के आधार को मजबूत करने के लिए राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके प्रस्तावों के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाएं: केंद्र प्रायोजित इन योजनाओं के तहत कक्षा IX और X के छात्रों/छात्राओं को छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती है।
पात्रता: माता-पिता की वार्षिक आय 2.50 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति: पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति 10वीं कक्षा से आगे पढ़ने वाले अनुसूचित जनजाति के शिक्षार्थियों को प्रदान की जाती है।
परियोजना प्रबंधन इकाइयों के लिए प्रशासनिक सहायता प्रदान करना: PMVKY राज्य सरकारों के अंतर्गत परियोजना प्रबंधन इकाइयों की स्थापना के लिए फंड भी आवंटित करती है। इस कदम का उद्देश्य अनुसूचित जनजातियों के कल्याण से जुड़ी योजनाओं का बेहतर कार्यान्वयन और निगरानी सुनिश्चित करना है।