विचारार्थ विषयों पर हस्ताक्षर होने का अर्थ है कि अब मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर औपचारिक वार्ता शुरू हो गई है। इसका उद्देश्य भारत और यूरेशियाई देशों के बीच लंबे समय तक चलने वाले व्यापारिक सहयोग के लिए एक दीर्घकालिक रूपरेखा तैयार करना है।
EAEU के साथ FTA के संभावित लाभ

- आर्थिक लाभ
- इससे छुपी हुई व्यापारिक संभावनाएं उजागर होंगी, निवेश बढ़ेगा और भारत व EAEU के बीच मजबूत एवं सतत आर्थिक साझेदारी बनेगी।
- दोनों के बीच 2024 में 69 बिलियन अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था। यह 2023 की तुलना में 7% अधिक है।
- बाजार तक पहुंच: इससे भारतीय निर्यातकों को नए अवसर मिलेंगे, खासकर तब जब अमेरिका आयात पर अधिक प्रशुल्क लगा रहा है। यह भारत को नए क्षेत्रकों और नए देशों में विस्तार करने में मदद करेगा।
- प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि: यह समझौता भारत की स्थिति को गैर-बाजार अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले मजबूत करेगा।
- इससे भारतीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को विशेष रूप से लाभ होगा।
- ऊर्जा साझेदारी: EAEU के पास प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधन और ऊर्जा स्रोत उपलब्ध है, जो भारत की आर्थिक संवृद्धि के लिए बहुत जरूरी हैं।
- उदाहरण के लिए- वर्तमान में भारत के कुल कच्चे तेल आयात का लगभग 35-40% हिस्सा अकेले रूस पूरा कर रहा है।
- रणनीतिक लाभ: रूस और उसके सहयोगी देशों के साथ मजबूत संबंधों से भारत की “मल्टी-अलाइन्मेंट” की नीति और भी मजबूत होगी।
- मल्टी-अलाइन्मेंट नीति: विविध देशों के साथ संतुलित संबंध बनाए रखने की नीति।
- इससे छुपी हुई व्यापारिक संभावनाएं उजागर होंगी, निवेश बढ़ेगा और भारत व EAEU के बीच मजबूत एवं सतत आर्थिक साझेदारी बनेगी।
यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (EAEU) के बारे में
- परिचय: यह एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जिसे क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग और एकीकरण के लिए स्थापित किया गया है।
- स्थापना: इसे 2014 में "यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन ट्रीटी" के माध्यम से स्थापित किया गया था।
- लाभ: यह सदस्य देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं, पूंजी और श्रमिकों आदि के स्वतंत्र आवागमन की सुविधा प्रदान करता है।