यह परीक्षण ISRO, वायुसेना, DRDO, नौसेना और तटरक्षक बल के संयुक्त प्रयास से किया गया है।
- इसके अतिरिक्त, इसरो आगामी परीक्षणों जैसे कि दूसरे टेस्ट व्हीकल डेमोंस्ट्रेशन (TV-D2) मिशन और पहले मानव रहित गगनयान मिशन (G1) की भी तैयारी कर रहा है।
इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (IADT-01) के बारे में
- इसमें पैराशूट के जरिए गति को कम करने वाली प्रणाली का पूरा प्रदर्शन किया गया है। यह केवल एक हिस्से का परीक्षण नहीं, बल्कि पूरी प्रक्रिया का परीक्षण होता है, जिसमें रिलीज़ से लेकर लैंडिंग तक सब कुछ शामिल होता है।
- यह पैराशूट प्रणाली को प्रमाणित करने और परखने वाला एक महत्वपूर्ण परीक्षण था। इस प्रणाली की मदद से गगनयान मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर सुरक्षित वापस लाया जाएगा।
गगनयान मिशन के बारे में
- गगनयान परियोजना का उद्देश्य मानवयुक्त अंतरिक्ष-उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करना है। इस मिशन के तहत 3 सदस्यों के चालक दल को 400 कि.मी. की ऊंचाई पर स्थित कक्षा में भेजा जाएगा। साथ ही, उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापिस भी लाया जाएगा। इस मिशन की अवधि 3 दिन है।
- प्रक्षेपण यान: ह्यूमन रेटेड LVM3 (HLVM3)।
- HLVM3 को पहले GSLV Mk-III के नाम से जाना जाता था। यह तीन-चरणों वाला रॉकेट है, जिसमें सॉलिड स्टेज, लिक्विड स्टेज, और क्रायोजेनिक स्टेज शामिल हैं। इसे मानव मिशनों की सुरक्षा एवं जरूरतों के अनुरूप संशोधित किया गया है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत ऐसा चौथा देश बन जाएगा, जो अंतरिक्ष में मानव युक्त मिशन भेजेगा।
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